काबुल : अफगानिस्तान में जारी आंशिक संघर्ष विराम और जल्द ही अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते की बढ़ती संभावनाओं के बीच सालों से युद्ध का दंश झेल रहे अफगान नागरिक अब युद्ध खत्म होने के सपने देख रहे हैं.
काबुल निवासियों ने अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों, अफगान बलों और तालिबान लड़ाकों के बीच पिछले सप्ताह हिंसा में कमी की घोषणा का स्वागत किया है.
उम्मीद है कि शुक्रवार को लागू हुए समझौते से अफगानिस्तान में जारी हिंसक घटानाओं में कमी आएगी. इनमें इसमें तालिबान, अफगान और अमेरिकी सेना के बीच हो रहे हमलों में कमी आएगी.
यदि इसे सफलतापूर्वक लागू किया जाता है तो 29 फरवरी को शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद यह समझौता प्रभाव में आ जाएगा. जिससे 18 साल से चल रहा युद्ध खत्म हो जाएगा और साथ ही अंतर-अफगान वार्ता और अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ हो जाएगा.
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काबुल निवासी मोहम्मद असलम ने कहा, 'हम सिर्फ ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि इससे अफगानिस्तान में लंबे समय तक शांति कायम रहे, तो हमें और खून खराबा न देखने को मिले.'
अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि अफगान सेना रक्षात्मक रहेगी और सप्ताह के दौरान तालिबान लड़ाकों पर हमला नहीं करेगी. लेकिन इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा.
यह कदम भले ही अनिश्चितताओं से भरा हुआ है, लेकिन देश के 18 सालों से भी ज्यादा समय से युद्ध झेलने के कारण यह संभावित कदम ऐतिहासिक साबित हो सकता है.