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यूक्रेन में युद्ध से बड़ा खाद्य संकट उत्पन्न हो रहा है : यूएन विश्व खाद्य कार्यक्रम निदेशक

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Published : Mar 30, 2022, 4:01 PM IST

संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने कहा कि उनकी एजेंसी रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने से पहले विश्व में करीब 12.5 करोड़ लोगों को भोजन मुहैया करा रही थी और अब भोजन, ईंधन और परिवहन की बढ़ती लागत के कारण उन्हें अपने राशन में कटौती शुरू करनी पड़ रही है.

War in Ukraine causing major food crisis
यूक्रेन में युद्ध से एक बड़ा खाद्य संकट उत्पन्न हो रहा है

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र के खाद्य संबंधी मामलों के प्रमुख डेविड बेस्ली ने मंगलवार को आगाह किया कि यूक्रेन में युद्ध ने एक बड़ा संकट उत्पन्न कर दिया है और वैश्विक स्तर पर इसका प्रभाव 'द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हमने जो कुछ भी देखा है' उससे कहीं अधिक होगा, क्योंकि दुनिया के लिए व्यापक स्तर पर गेहूं का उत्पादन करने वाले यूक्रेन के किसान अब रूसी सेना से मुकाबला कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि खाद्य सामग्री की कीमतें अभी से आसमान छू रही हैं.

बेस्ली ने कहा कि उनकी एजेंसी रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने से पहले विश्व में करीब 12.5 करोड़ लोगों को भोजन मुहैया करा रही थी और अब भोजन, ईंधन और परिवहन की बढ़ती लागत के कारण उन्हें अपने राशन में कटौती शुरू करनी पड़ रही है. उन्होंने युद्धग्रस्त यमन का जिक्र किया, जहां 80 लाख लोगों को मुहैया कराए जाने वाले भोजन में 50 प्रतिशत कटौती की गई है, 'और अब हम इसे बिल्कुल बंद करने पर विचार कर रहे हैं.'

बेस्ली ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण दुनिया को व्यापक स्तर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने वाले देश के लोग खुद भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए हैं. 2020 में, मिस्र सामान्य तौर पर 85 प्रतिशत और लेबनान 81 प्रतिशत अनाज यूक्रेन से प्राप्त कर रहा था. यूक्रेन और रूस दुनिया का 30 प्रतिशत गेहूं, 20 प्रतिशत मकई और सूरजमुखी के बीज के तेल का 75 से 80 प्रतिशत का उत्पादन करते हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम, अपनी सेवाओं के लिए 50 प्रतिशत अनाज यूक्रेन से खरीदता है.

यह भी पढ़ें-संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 से घटाकर 4.6 प्रतिशत किया

उन्होंने कहा कि युद्ध से भोजन, ईंधन और परिवहन की लागत बढ़ेगी और एजेंसी के मासिक खर्च में 7.1 करोड़ डॉलर की वृद्धि होगी. इससे एक वर्ष में कुल 85 करोड़ डॉलर का खर्च बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि '40 लाख लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंच नहीं पाएगी.' बेस्ली ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम, यूक्रेन के अंदर अब करीब 10 लाख लोगों तक भोजन पहुंचा रहा है और अगले चार हफ्तों में 25 लाख लोगों को भोजन मुहैया कराया जाएगा, मई के अंत तक 40 लाख और जून के अंत तक 60 लाख लोगों तक भोजन पहुंचाने की उम्मीद है.

(पीटीआई-भाषा)

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र के खाद्य संबंधी मामलों के प्रमुख डेविड बेस्ली ने मंगलवार को आगाह किया कि यूक्रेन में युद्ध ने एक बड़ा संकट उत्पन्न कर दिया है और वैश्विक स्तर पर इसका प्रभाव 'द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हमने जो कुछ भी देखा है' उससे कहीं अधिक होगा, क्योंकि दुनिया के लिए व्यापक स्तर पर गेहूं का उत्पादन करने वाले यूक्रेन के किसान अब रूसी सेना से मुकाबला कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि खाद्य सामग्री की कीमतें अभी से आसमान छू रही हैं.

बेस्ली ने कहा कि उनकी एजेंसी रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने से पहले विश्व में करीब 12.5 करोड़ लोगों को भोजन मुहैया करा रही थी और अब भोजन, ईंधन और परिवहन की बढ़ती लागत के कारण उन्हें अपने राशन में कटौती शुरू करनी पड़ रही है. उन्होंने युद्धग्रस्त यमन का जिक्र किया, जहां 80 लाख लोगों को मुहैया कराए जाने वाले भोजन में 50 प्रतिशत कटौती की गई है, 'और अब हम इसे बिल्कुल बंद करने पर विचार कर रहे हैं.'

बेस्ली ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण दुनिया को व्यापक स्तर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने वाले देश के लोग खुद भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए हैं. 2020 में, मिस्र सामान्य तौर पर 85 प्रतिशत और लेबनान 81 प्रतिशत अनाज यूक्रेन से प्राप्त कर रहा था. यूक्रेन और रूस दुनिया का 30 प्रतिशत गेहूं, 20 प्रतिशत मकई और सूरजमुखी के बीज के तेल का 75 से 80 प्रतिशत का उत्पादन करते हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम, अपनी सेवाओं के लिए 50 प्रतिशत अनाज यूक्रेन से खरीदता है.

यह भी पढ़ें-संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 से घटाकर 4.6 प्रतिशत किया

उन्होंने कहा कि युद्ध से भोजन, ईंधन और परिवहन की लागत बढ़ेगी और एजेंसी के मासिक खर्च में 7.1 करोड़ डॉलर की वृद्धि होगी. इससे एक वर्ष में कुल 85 करोड़ डॉलर का खर्च बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि '40 लाख लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंच नहीं पाएगी.' बेस्ली ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम, यूक्रेन के अंदर अब करीब 10 लाख लोगों तक भोजन पहुंचा रहा है और अगले चार हफ्तों में 25 लाख लोगों को भोजन मुहैया कराया जाएगा, मई के अंत तक 40 लाख और जून के अंत तक 60 लाख लोगों तक भोजन पहुंचाने की उम्मीद है.

(पीटीआई-भाषा)

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