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Biden Euro trip: नाटो गुट को बढ़ावा देने के लिए बाइडेन यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाएंगे

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नाटो गठबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाएंगे. व्हाइट हाउस के अनुसार वह ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक से भी मुलाकात करेंगे.

US President Biden to embark on Euro trip to boost NATO bloc
नाटो गुट को बढ़ावा देने के लिए बाइडेन यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाएंगे
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Published : Jul 3, 2023, 6:52 AM IST

वाशिंगटन: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) गठबंधन को मजबूत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तीन देशों - ब्रिटेन, लिथुआनिया और फिनलैंड - की यात्रा के लिए यूरोप जाएंगे. व्हाइट हाउस के अनुसार 9 से 13 जुलाई के बीच यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान वह ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और किंग चार्ल्स III से भी मुलाकात करेंगे.

बाइडेन का 74वें नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम है. वह 11 और 12 जुलाई को विनियस, लिथुआनिया की यात्रा करेंगे. फिर अमेरिका नॉर्डिक लीडर्स समिट के लिए हेलसिंकी, फिनलैंड का दौरा करेंगे. अल जज़ीरा के अनुसार, बाइडेन की यूरोप यात्रा का इरादा रूसी आक्रामकता के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को मजबूत करना है क्योंकि यूक्रेन में युद्ध दूसरे वर्ष में भी जारी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेना है. इसका आयोजन विनियस में किया जाएगा. अप्रैल में 31 देशों के सैन्य गठबंधन में नॉर्डिक देश के प्रवेश के उपलक्ष्य में हेलसिंकी, फ़िनलैंड और ब्रिटेन में रुकने की भी योजना बनाई गई है. नाटो बैठक युद्ध के नवीनतम महत्वपूर्ण बिंदु पर आती है.

व्हाइट हाउस के अनुसार अप्रैल में 31 देशों के सैन्य गठबंधन में नॉर्डिक देश के प्रवेश के उपलक्ष्य में हेलसिंकी, फ़िनलैंड और ब्रिटेन में रुकने की भी योजना बनाई गई है. रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि रूसी सेना के खिलाफ जवाबी और रक्षात्मक कार्रवाई जारी है क्योंकि यूक्रेनी सैनिकों ने देश के दक्षिणपूर्वी हिस्से में क्षेत्र पर फिर से कब्जा करना शुरू कर दिया है.

गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध यूक्रेन द्वारा नाटो गठबंधन का हिस्सा बनने की इच्छा जताने के बाद शुरू हुआ था. एक साल से अधिक समय से चल रहे रूसी आक्रमण के बाद भी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की अपने रुख पर कायम हैं. स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ से मुलाकात के बाद शनिवार को उन्होंने ट्विटर पर कहा, 'मैं नाटो में हमारे आंदोलन के समर्थन के लिए भी आभारी हूं.

ये भी पढ़ें-अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की छात्र ऋण माफी योजना, बाइडेन बोले- लड़ाई खत्म नहीं हुई

यह अब स्पष्ट तथ्य है - जितना व्यापक नाटो यूरोप में है, शांति का दायरा उतना ही व्यापक है.' नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने 13 जून को व्हाइट हाउस का दौरा किया, जहां उन्होंने और बाइडेन ने फिर से जोर दिया कि पश्चिमी गठबंधन यूक्रेन की रक्षा के लिए एकजुट है. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद फ़िनलैंड और स्वीडन ने भी सुरक्षा आश्वासन पाने के लिए नाटो गुट में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की.

तुर्की द्वारा इसकी सदस्यता पर अपनी आपत्तियां वापस लेने के बाद फिनलैंड इस साल अप्रैल में इस गुट में शामिल हो गया. हालाँकि, स्वीडन अभी भी इस समूह में शामिल नहीं हो सका है, क्योंकि तुर्की को उसके साथ सुरक्षा चिंताएँ हैं और वह उस पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का भी आरोप लगाता है. 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध ने कई लोगों की जान ले ली है और दोनों देशों के बीच अब भी युद्ध बढ़ता जा रहा है.

(एएनआई)

वाशिंगटन: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) गठबंधन को मजबूत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तीन देशों - ब्रिटेन, लिथुआनिया और फिनलैंड - की यात्रा के लिए यूरोप जाएंगे. व्हाइट हाउस के अनुसार 9 से 13 जुलाई के बीच यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान वह ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और किंग चार्ल्स III से भी मुलाकात करेंगे.

बाइडेन का 74वें नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम है. वह 11 और 12 जुलाई को विनियस, लिथुआनिया की यात्रा करेंगे. फिर अमेरिका नॉर्डिक लीडर्स समिट के लिए हेलसिंकी, फिनलैंड का दौरा करेंगे. अल जज़ीरा के अनुसार, बाइडेन की यूरोप यात्रा का इरादा रूसी आक्रामकता के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को मजबूत करना है क्योंकि यूक्रेन में युद्ध दूसरे वर्ष में भी जारी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेना है. इसका आयोजन विनियस में किया जाएगा. अप्रैल में 31 देशों के सैन्य गठबंधन में नॉर्डिक देश के प्रवेश के उपलक्ष्य में हेलसिंकी, फ़िनलैंड और ब्रिटेन में रुकने की भी योजना बनाई गई है. नाटो बैठक युद्ध के नवीनतम महत्वपूर्ण बिंदु पर आती है.

व्हाइट हाउस के अनुसार अप्रैल में 31 देशों के सैन्य गठबंधन में नॉर्डिक देश के प्रवेश के उपलक्ष्य में हेलसिंकी, फ़िनलैंड और ब्रिटेन में रुकने की भी योजना बनाई गई है. रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि रूसी सेना के खिलाफ जवाबी और रक्षात्मक कार्रवाई जारी है क्योंकि यूक्रेनी सैनिकों ने देश के दक्षिणपूर्वी हिस्से में क्षेत्र पर फिर से कब्जा करना शुरू कर दिया है.

गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध यूक्रेन द्वारा नाटो गठबंधन का हिस्सा बनने की इच्छा जताने के बाद शुरू हुआ था. एक साल से अधिक समय से चल रहे रूसी आक्रमण के बाद भी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की अपने रुख पर कायम हैं. स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ से मुलाकात के बाद शनिवार को उन्होंने ट्विटर पर कहा, 'मैं नाटो में हमारे आंदोलन के समर्थन के लिए भी आभारी हूं.

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यह अब स्पष्ट तथ्य है - जितना व्यापक नाटो यूरोप में है, शांति का दायरा उतना ही व्यापक है.' नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने 13 जून को व्हाइट हाउस का दौरा किया, जहां उन्होंने और बाइडेन ने फिर से जोर दिया कि पश्चिमी गठबंधन यूक्रेन की रक्षा के लिए एकजुट है. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद फ़िनलैंड और स्वीडन ने भी सुरक्षा आश्वासन पाने के लिए नाटो गुट में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की.

तुर्की द्वारा इसकी सदस्यता पर अपनी आपत्तियां वापस लेने के बाद फिनलैंड इस साल अप्रैल में इस गुट में शामिल हो गया. हालाँकि, स्वीडन अभी भी इस समूह में शामिल नहीं हो सका है, क्योंकि तुर्की को उसके साथ सुरक्षा चिंताएँ हैं और वह उस पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का भी आरोप लगाता है. 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध ने कई लोगों की जान ले ली है और दोनों देशों के बीच अब भी युद्ध बढ़ता जा रहा है.

(एएनआई)

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