वाशिंगटन : अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग ने शुक्रवार को पुष्टि की कि उसने इस साल की शुरू में लगभग दस लाख बैरल ईरानी तेल वाले एक कार्गो को जब्त किया था. गौरतलब है कि अमेरिका के इस सख्त कदम से खाड़ी में गंभीर तनाव पैदा हो गया था. अल जज़ीरा के अनुसार न्याय विभाग ने एक बयान में कहा, 'यह उस कंपनी से जुड़ा पहला आपराधिक मामला है, जिसने ईरानी तेल की अवैध बिक्री और परिवहन की सुविधा देकर प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है और उसने 980,000 बैरल से अधिक प्रतिबंधित कच्चे तेल को सफल जब्त किया था'
अमेरिकी प्रशासन ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कच्चे तेल के करोड़ों डॉलर के शिपमेंट को सफलतापूर्वक बाधित करने के कदम की सराहना की. इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स अमेरिका में 'विदेशी आतंकवादी संगठन' के रूप में जाना जाता है. ईरानी तेल की जब्ती के बाद, वाशिंगटन ने तेहरान पर खाड़ी पार करने वाले कई विदेशी जहाजों को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया.
अल जजीरा के अनुसार, जब पेंटागन ने अगस्त में खुलासा किया कि वह समुद्री सीमाओं, विशेष रूप से होर्मुज जलडमरूमध्य की रक्षा करने के लिए उस क्षेत्र में हजारों अमेरिकी सैनिकों को तैनात कर रहा है, तो तेहरान नाराज हो गया था. ईरान ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में ईरानी संपत्ति पर कब्जा करना समुद्री डकैती के बराबर है, जबकि अमेरिका ईरानी तेल जहाजों को रोकने को कानून मानता है.
अल जजीरा के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने पिछले महीने कहा था कि, ईरानी तेल ले जाने वाले टैंकरों पर अतिक्रमण का कार्य चोरी का एक स्पष्ट उदाहरण है. अगस्त में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वाशिंगटन बढ़ते परमाणु खतरों को कम करने के लिए तेहरान के किसी भी कदम का स्वागत करेगा. हालाँकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान में हिरासत में लिए गए अमेरिकी नागरिकों को वापस लाने की प्रक्रिया पूरी तरह से अलग मामला है.
2015 के एक परमाणु समझौते मे ईरान ने आर्थिक प्रतिबंध हटाने के बदले में अपने परमाणु विकास पर रोक लगा दी थी, ईरान पर प्रतिबंधो को फिर से लागू करने पर अमेरिका और ईरान के संबंध और ज्यादा खराब हो गए. इस समझौते को 2018 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा रद्द कर दिया गया था, और ईरान ने तब से अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर दिया है.
ट्रम्प के प्रतिबंधों को बाइडेन प्रशासन द्वारा जारी रखा गया है, जिसमें ईरान की तेल बिक्री को गंभीर रूप से कम करने का संकल्प है. हालाँकि, वर्तमान अमेरिकी अधिकारी इस गतिरोध के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके प्रशासन को जिम्मेदार मानते रहे हैं.
(एएनआई)