अंकारा: तुर्की-सीरिया में आए घातक भूकंप के चलते मृतकों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 41,000 से अधिक हो गई है. संयुक्त राष्ट्र ने आपदा पीड़ित राष्ट्रों के लिए 100 करोड़ रुपये मानवीय सहयता के रूप में देने की अपील की है. वहीं, तुर्की में बीच- बीच में मामूली भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार पिछले 12 घंटे में 4 बार भूकंप के झटके आए. इससे लोगों में और भी दहशत फैल गई है.
6 फरवरी को तुर्की-सीरिया के कुछ हिस्सों में तबाही मचाने वाले भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. यहां अभी भी व्यापक स्तर राहत-बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं. मलबे में अभी भी कई लोगों फंसे होने की आशंका है. स्थिति इतनी भयावह है कि राहत बचाव दल अभी भी उन तक नहीं पहुंच पाए हैं. हजारों इमारत ताश के पत्ते की तरह ध्वस्त हो गए हैं. इन मलबों के तह तक पहुंचना चुनौतिपूर्ण साबित हो रहा है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का भरोसा दिया है. दर्जनों देशों के राहत बचाव दल युद्ध स्तर पर राहत बचाव अभियान में जुटे हैं. मलबे में दबे कई लोगों को अभी भी बचाया जा रहा है. भूकंप के ग्यारह दिन बीत जाने के बाद अब भी लोगों को जीवित बचाया गया. राहत बचाव दल ने एक 17 साल की लड़की और 20 वर्षीय महिला को जीवित निकाला.
ये भी पढ़ें- Earthquake In New Zealand: न्यूजीलैंड में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 6.1 की तीव्रता
भूकंप प्रभावित इलाकों में भारी संकट उत्पन्न हो गया है. भूकंप के कारण मूलभूत संसाधन तबाह हो गए. पानी, बिजली जैसी सुविधाएं ठप हो गई. पीने के पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. हालांकि, पड़ोसी मुल्कों से बोतल बंद पानी पहुंचाने के प्रयास किये जा रहे हैं. वहीं, इस्ररायल ने ऐसे वाटर फिल्टर प्रदान किए हैं कि जो नाले के पानी को भी साफ कर पीने लायक बना देते हैं. वहीं, भारत सरकार की ओर से व्यापक स्तर पर राहत सामग्री पहुंचाई गई है. एनडीआरएफ की कई टीमें वहां राहत बचाव में लगी हुई हैं. एनडीआरएफ ने यहां कई लोगों की जानें बचायीं है.