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टोक्यो विमान दुर्घटना में 379 लोगों का बचना 'महज किस्मत' या 40 साल की 'सतत मेहनत' का परिणाम

Japan Plane Crash Evacuation Process : मंगलवार को टोक्यो हवाई अड्डे पर यात्री विमान आग की लपटों से घिरा हुआ था, लेकिन सभी 379 यात्रियों और चालक दल को सुरक्षित निकाल लिया गया. सिर्फ 14 लोग घायल हुए. एक यात्री ने ब्रॉडकास्टर एनएचके को बताया कि विमान के कुछ दरवाजे नहीं खुलने के बावजूद यह सफल इवेक्वेशन हो गया. पढ़ें क्या है जापान एयरलाइन का इतिहास, क्यों 379 यात्रियों का बच जाना महज किस्मत की बात नहीं है.

Japan Plane Crash Evacuation Process
टोक्यो विमान दुर्घटना के बाद हवाई अड्डे पर पसरा मलबा. (तस्वीर AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2024, 7:47 AM IST

Updated : Jan 3, 2024, 7:58 AM IST

टोक्यो : साल 2024 की शुरुआत जापान के लिए ठीक नहीं रही है. एक के बाद एक बुरी खबरें आ रही हैं. सोमवार को भूकंप के झटकों के बाद मंगलवार को जापान की राजधानी टोक्यो के हानेडा हवाईअड्डे पर एक भीषण विमान हादसा हुआ. मंगलवार को लैंडिंग के दौरान जापान कोस्ट गार्ड डैश 8 विमान के टकराने से चालक दल के छह सदस्यों में से पांच की मौत हो गई. हालांकि, एयरबस ए 350 जिससे कोस्ट गार्ड डैश 8 टकराया था पर सवार सभी 379 यात्री और चालक दल दुर्घटना में बच गए हैं. टक्कर के फुटेज को देखने के बाद लोगों ने यह कहा कि यह चमत्कारिक है कि 379 लोग सुरक्षित बच गये.

Japan Plane Crash Evacuation Process
टोक्यो विमान दुर्घटना के बाद हवाई अड्डे दोनों जहाजों में आग लग गई. (तस्वीर AP)

टक्कर के कारण की जांच हो रही है. लेकिन इसके साथ ही जापान एयललाइंस के एयरबस ए 350 के क्रू मेंबर्स की तारीफ हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि एयरबस ए 350 में आग लगने के बाद 379 यात्रियों की सफल निकासी कोई तुक्का या किस्मत की बात नहीं बल्कि आधुनिक सुरक्षा मानकों और जापान एयरलाइंस की अपनी कठोर सुरक्षा संस्कृति के संयोजन का प्रमाण है.

यूके के क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय में सुरक्षा और दुर्घटना जांच के प्रोफेसर ग्राहम ब्रेथवेट ने सीएनएन से बात करते हुए कहा कि मैंने फुटेज देखा, मुझे आश्चर्य हुआ और राहत मिली कि हर कोई बाहर निकल गया. उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि जापान एयरलाइंस ने सुरक्षा और चालक दल के प्रशिक्षण में किस दर्जे का कठोर मानदंड अपनाया है. उसे ध्यान में रखते हुए क्रू मेंबर्स की इस सफलता पर बहुत आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

Japan Plane Crash Evacuation Process
टोक्यो विमान दुर्घटना के बाद हवाई अड्डे पर पसरा मलबा. (तस्वीर AP)

उन्होंने कहा कि यह वास्तव में 40 साल की एक सतत प्रक्रिया का नतीजा है. उन्होंने कहा कि 40 साल पहले यह एक भयावह दुर्घटना थी जिसने जापान एयरलाइंस को एक सुरक्षित एयरलाइन में बदलने में मदद की.

520 लोगों की मौत और जापान एयरलाइंस के बदलाव की कहानी: 12 अगस्त 1985 को, टोक्यो से ओसाका जा रही जेएएल उड़ान 123 दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हालांकि, उस घटना के लिए भी एयरलाइन नहीं बल्कि बोइंग तकनीशियनों की गलती थी. विमान के टेल की दोषपूर्ण मरम्मत के कारण विमान में सवार 524 लोगों में से 520 की मौत हो गई. आज तक इस घटना को विमानन इतिहास की सबसे घातक दुर्घटनाओं में माना जाता है. ब्रेथवेट कहते हैं कि स्पष्ट रूप से इस घटना का गहरा प्रभाव एयरलाइन पर पड़ा.

जापान की संस्कृति- 'जिम्मेदारी लो' : ब्रेथवेट कहते हैं कि जापान की जैसी संस्कृति है उन्होंने एक समूह के रूप में यह जिम्मेदारी ली. वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि ऐसा कुछ भी दोबारा न हो. उन्होंने कहा कि बिना किसी झिझक के हमें इस मामले में जापान की तारीफ करनी चाहिए कि जब चीजें गलत होती हैं, तो वे इसे इस रूप में लेते हैं कि हम इससे क्या सीख सकते हैं.

एक गलती की कीमत का एहसास : ब्रेथवेट ने बताया कि 2005 में एयरलाइन ने यह महसूस किया कि कई कर्मचारी 20 साल पहले उस दुर्घटना के बारे में नहीं जानते. तब जापान एयरलाइंस ने कॉर्पोरेट मुख्यालय में अपने कर्मचारियों को उस दुर्घटना के मलबे के हिस्सों के साथ-साथ चालक दल और यात्रियों की कहानियों को प्रदर्शित करना शुरू किया. ब्रेथवेट ने कहा कि जापान एयरलाइंस ने यह तय किया कि हमारे व्यवसाय में शामिल लोगों को यह पता हो कि यहां एक गलती की कीमत क्या होती है.

एयरलाइन की सख्त कार्य संस्कृति: एयरलाइन ने अपने हर कर्मचारी को समझाया कि सुरक्षा के लिए कितना प्रयास करना पड़ता है. लगभग चार दशक बाद भी 1985 की दुर्घटना का कंपनी की मानसिकता पर गहरा प्रभाव है. उनके पास मानक संचालन प्रक्रियाओं और सब कुछ ठीक से करने की बहुत सख्त संस्कृति है.

ब्रेथवेट ने कहा कि यही एक कारण है कि मंगलवार को हुई दुर्घटना के दौरान क्रू ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि मंगलवार की दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार है. ब्रेथवेट ने कहा कि सफल और सुरक्षित इवेक्वेशन जापान एयरलाइंस के लिए एक बहुत ही सकारात्मक बात है.

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टोक्यो : साल 2024 की शुरुआत जापान के लिए ठीक नहीं रही है. एक के बाद एक बुरी खबरें आ रही हैं. सोमवार को भूकंप के झटकों के बाद मंगलवार को जापान की राजधानी टोक्यो के हानेडा हवाईअड्डे पर एक भीषण विमान हादसा हुआ. मंगलवार को लैंडिंग के दौरान जापान कोस्ट गार्ड डैश 8 विमान के टकराने से चालक दल के छह सदस्यों में से पांच की मौत हो गई. हालांकि, एयरबस ए 350 जिससे कोस्ट गार्ड डैश 8 टकराया था पर सवार सभी 379 यात्री और चालक दल दुर्घटना में बच गए हैं. टक्कर के फुटेज को देखने के बाद लोगों ने यह कहा कि यह चमत्कारिक है कि 379 लोग सुरक्षित बच गये.

Japan Plane Crash Evacuation Process
टोक्यो विमान दुर्घटना के बाद हवाई अड्डे दोनों जहाजों में आग लग गई. (तस्वीर AP)

टक्कर के कारण की जांच हो रही है. लेकिन इसके साथ ही जापान एयललाइंस के एयरबस ए 350 के क्रू मेंबर्स की तारीफ हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि एयरबस ए 350 में आग लगने के बाद 379 यात्रियों की सफल निकासी कोई तुक्का या किस्मत की बात नहीं बल्कि आधुनिक सुरक्षा मानकों और जापान एयरलाइंस की अपनी कठोर सुरक्षा संस्कृति के संयोजन का प्रमाण है.

यूके के क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय में सुरक्षा और दुर्घटना जांच के प्रोफेसर ग्राहम ब्रेथवेट ने सीएनएन से बात करते हुए कहा कि मैंने फुटेज देखा, मुझे आश्चर्य हुआ और राहत मिली कि हर कोई बाहर निकल गया. उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि जापान एयरलाइंस ने सुरक्षा और चालक दल के प्रशिक्षण में किस दर्जे का कठोर मानदंड अपनाया है. उसे ध्यान में रखते हुए क्रू मेंबर्स की इस सफलता पर बहुत आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

Japan Plane Crash Evacuation Process
टोक्यो विमान दुर्घटना के बाद हवाई अड्डे पर पसरा मलबा. (तस्वीर AP)

उन्होंने कहा कि यह वास्तव में 40 साल की एक सतत प्रक्रिया का नतीजा है. उन्होंने कहा कि 40 साल पहले यह एक भयावह दुर्घटना थी जिसने जापान एयरलाइंस को एक सुरक्षित एयरलाइन में बदलने में मदद की.

520 लोगों की मौत और जापान एयरलाइंस के बदलाव की कहानी: 12 अगस्त 1985 को, टोक्यो से ओसाका जा रही जेएएल उड़ान 123 दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हालांकि, उस घटना के लिए भी एयरलाइन नहीं बल्कि बोइंग तकनीशियनों की गलती थी. विमान के टेल की दोषपूर्ण मरम्मत के कारण विमान में सवार 524 लोगों में से 520 की मौत हो गई. आज तक इस घटना को विमानन इतिहास की सबसे घातक दुर्घटनाओं में माना जाता है. ब्रेथवेट कहते हैं कि स्पष्ट रूप से इस घटना का गहरा प्रभाव एयरलाइन पर पड़ा.

जापान की संस्कृति- 'जिम्मेदारी लो' : ब्रेथवेट कहते हैं कि जापान की जैसी संस्कृति है उन्होंने एक समूह के रूप में यह जिम्मेदारी ली. वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि ऐसा कुछ भी दोबारा न हो. उन्होंने कहा कि बिना किसी झिझक के हमें इस मामले में जापान की तारीफ करनी चाहिए कि जब चीजें गलत होती हैं, तो वे इसे इस रूप में लेते हैं कि हम इससे क्या सीख सकते हैं.

एक गलती की कीमत का एहसास : ब्रेथवेट ने बताया कि 2005 में एयरलाइन ने यह महसूस किया कि कई कर्मचारी 20 साल पहले उस दुर्घटना के बारे में नहीं जानते. तब जापान एयरलाइंस ने कॉर्पोरेट मुख्यालय में अपने कर्मचारियों को उस दुर्घटना के मलबे के हिस्सों के साथ-साथ चालक दल और यात्रियों की कहानियों को प्रदर्शित करना शुरू किया. ब्रेथवेट ने कहा कि जापान एयरलाइंस ने यह तय किया कि हमारे व्यवसाय में शामिल लोगों को यह पता हो कि यहां एक गलती की कीमत क्या होती है.

एयरलाइन की सख्त कार्य संस्कृति: एयरलाइन ने अपने हर कर्मचारी को समझाया कि सुरक्षा के लिए कितना प्रयास करना पड़ता है. लगभग चार दशक बाद भी 1985 की दुर्घटना का कंपनी की मानसिकता पर गहरा प्रभाव है. उनके पास मानक संचालन प्रक्रियाओं और सब कुछ ठीक से करने की बहुत सख्त संस्कृति है.

ब्रेथवेट ने कहा कि यही एक कारण है कि मंगलवार को हुई दुर्घटना के दौरान क्रू ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि मंगलवार की दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार है. ब्रेथवेट ने कहा कि सफल और सुरक्षित इवेक्वेशन जापान एयरलाइंस के लिए एक बहुत ही सकारात्मक बात है.

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Last Updated : Jan 3, 2024, 7:58 AM IST
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