काबुल (अफगानिस्तान): तालिबान ने गुरुवार को वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) और रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी (आरएफई/आरएल) अफगानिस्तान स्टेशनों से स्ट्रीमिंग एफएम रेडियो प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया. आरोप है कि ये प्रसारण कर्ता पत्रकारिता के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रहे थे और एकतरफा प्रसारण कर रहे थे. अफगान प्रशासन की सूचना और संस्कृति मंत्रालय से जुड़े अब्दुल हक हम्माद ने ट्विटर पर कहा कि अमेरिकी कब्जे के बाद प्रसारण शुरू करने वाले रेडियो लिबर्टी (आरएल) को पत्रकारिता के नियमों का पालन न करने के कारण बंद कर दिया गया है.
हम्माद के एक ट्वीट के मुताबिक, 13 अफगान प्रांतों में रेडियो लिबर्टी के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस बीच, VOA ने यह भी बताया कि अफगान सूचना और संस्कृति मंत्रालय के एक नए निर्देश ने VOA के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो एक दिसंबर से प्रभावी हो गई है. वॉइस ऑफ अमेरिका टेलीविजन कार्यक्रम, जिसे आशना टीवी के नाम से जाना जाता है, जो पहले टोलो टीवी, टोलोन्यूज और लैमर टीवी चैनलों पर प्रसारित किया जाता था.
इस साल 27 मार्च को अफगानिस्तान में अधिकारियों द्वारा इसके प्रसारण को निलंबित कर दिया गया था. वीओए के अनुसार, तालिबान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि उसे प्रोग्रामिंग सामग्री के बारे में शिकायतें मिली थीं. हालांकि मंत्रालय ने कोई विवरण साझा नहीं किया है. यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंध अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रसारकों पर लागू होगा या नहीं जिन्होंने अफगानिस्तान में एफएम प्रसारण के लिए समान प्रणाली का उपयोग किया है.
अब्दुल कहार बाल्खी, जो अफगान प्रशासन के विदेश विभाग से जुड़े हैं ने कहा कि अफगानिस्तान में प्रेस कानून हैं और कोई भी नेटवर्क जो बार-बार इन कानूनों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, उससे अफगानिस्तान के भीतर रिपोर्टिंग और प्रसारण का विशेषाधिकार छीन लिया जाएगा. वीओए और रेडियो लिबर्टी इन कानूनों का पालन करने में विफल रहे. उन्होंने बार-बार नियमों को तोड़ा इसलिए इनका प्रसारण रोक दिया गया है.
पढ़ें: मेरे पिता ने मेरे कुत्तों पर रासायनिक हथियारों का परीक्षण किया था : ओसामा बिन लादेन का बेटा
वॉइस ऑफ अमेरिका ने क्रमशः अक्टूबर 1980 और जुलाई 1982 में अफगानिस्तान में दारी और पश्तो में रेडियो कार्यक्रमों का प्रसारण शुरू किया. रेडियो लिबर्टी ने आधिकारिक तौर पर 2002 में अफगानिस्तान में प्रसारण शुरू किया था. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, पिछले प्रशासन के दौरान अफगानिस्तान में 547 मीडिया आउटलेट थे, लेकिन खामा प्रेस के अनुसार, वर्तमान प्रशासन के सत्ता में आने के बाद 219 प्रिंट, श्रव्य और दृश्य मीडिया बंद कर दिए गए हैं. पिछले साल पदभार ग्रहण करने के बाद से तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में मीडिया और पत्रकारों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें महिला प्रस्तुतकर्ताओं को ऑन एयर अपने चेहरे को ढंकना अनिवार्य करना शामिल है.
(एएनआई)