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South Africa power crisis: दक्षिण अफ्रीका में बिजली संकट के कारण आपदा की स्थिति की घोषणा - राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा आपदा स्थिति की घोषणा

दक्षिण अफ्रीका में इन दिनों घोर बिजली संकट है. हालत इतनी खराब है कि राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को देश में बिजली संकट के कारण आपदा की स्थिति की घोषणा की करनी पड़ी.

State of disaster declared due to power crisis in South Africa (representational photo)
दक्षिण अफ्रीका में बिजली संकट के कारण आपदा की स्थिति की घोषणा (प्रतीकात्मक फोटो )
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Published : Feb 10, 2023, 10:44 AM IST

जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने केप टाउन में अपने वार्षिक 'स्टेट ऑफ द नेशन' (एसओटीएन) संबोधन के दौरान देश में बिजली संकट के कारण आपदा की स्थिति की घोषणा की. कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण देश में घोषित आपदा की स्थिति को हटाए जाने के 10 महीने बाद यह घोषणा की गई है.

रामाफोसा ने घोषणा की कि इस मामले से अधिक प्रभावी ढंग से और तत्काल निपटने के लिए एक बिजली मंत्री नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नया मंत्री राष्ट्रीय ऊर्जा संकट समिति के काम देखने के साथ-साथ बिजली संकट से निपटने के लिए सभी पहलुओं पर गौर करेगा. उन्होंने कहा, 'ऊर्जा संकट हमारी अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने के लिए एक संभावित खतरा है.

हमें इन उपायों को बिना विलंब के तुरंत लागू करना चाहिए.' उन्होंने बृहस्पतिवार शाम अपने संबोधन में बिजली आपूर्ति संकट के अलावा बेरोजगारी, अपराध और हिंसा समेत कई चुनौतियों का जिक्र किया. राष्ट्रपति ने अपने स्टेट ऑफ द नेशन संबोधन में यह भी स्वीकार किया कि एक समय था जब वह पद छोड़ने पर विचार कर रहे थे, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के प्रयासों से उन्हें पद पर बने रहने की प्रेरणा मिली.

रामाफोसा ने कहा कि उनकी सरकार और उनकी पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) जिन संकटों का सामना कर रही थी, उनके बीच उनकी अंतरात्मा ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा. उन्होंने कहा, 'मेरी अंतरात्मा हमेशा कहती है कि नेल्सन मंडेला के नक्शेकदम पर चलो, क्योंकि उन्होंने महान बलिदान दिए...'

ये भी पढ़ें- US Investing In Ties with India : हिंद प्रशांत क्षेत्र में उचित संतुलन के लिए भारत के साथ संबंधों में निवेश कर रहे: अमेरिका

मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति थे. इससे पहले रंगभेदी सरकार के राजनीतिक कैदी के रूप में 27 साल उन्होंने जेल में बिताए थे. रामाफोसा ने अपना संबोधन समाप्त करते हुए कहा, 'मेरी अंतरात्मा मुझे कहती थी कि इस देश को महान बनाने के लिए आप जो कुछ भी कर सकते हैं करें..और मैं ठीक वहीं कर रहा हूं. हमारे सामने आने वाली सभी चुनौतियों के बावजूद मैं हम सभी से दक्षिण अफ्रीका के लोगों की सेवा करने के लिए यथासंभव योगदान देने का आह्वान करता हूं.'

(पीटीआई-भाषा)

जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने केप टाउन में अपने वार्षिक 'स्टेट ऑफ द नेशन' (एसओटीएन) संबोधन के दौरान देश में बिजली संकट के कारण आपदा की स्थिति की घोषणा की. कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण देश में घोषित आपदा की स्थिति को हटाए जाने के 10 महीने बाद यह घोषणा की गई है.

रामाफोसा ने घोषणा की कि इस मामले से अधिक प्रभावी ढंग से और तत्काल निपटने के लिए एक बिजली मंत्री नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नया मंत्री राष्ट्रीय ऊर्जा संकट समिति के काम देखने के साथ-साथ बिजली संकट से निपटने के लिए सभी पहलुओं पर गौर करेगा. उन्होंने कहा, 'ऊर्जा संकट हमारी अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने के लिए एक संभावित खतरा है.

हमें इन उपायों को बिना विलंब के तुरंत लागू करना चाहिए.' उन्होंने बृहस्पतिवार शाम अपने संबोधन में बिजली आपूर्ति संकट के अलावा बेरोजगारी, अपराध और हिंसा समेत कई चुनौतियों का जिक्र किया. राष्ट्रपति ने अपने स्टेट ऑफ द नेशन संबोधन में यह भी स्वीकार किया कि एक समय था जब वह पद छोड़ने पर विचार कर रहे थे, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के प्रयासों से उन्हें पद पर बने रहने की प्रेरणा मिली.

रामाफोसा ने कहा कि उनकी सरकार और उनकी पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) जिन संकटों का सामना कर रही थी, उनके बीच उनकी अंतरात्मा ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा. उन्होंने कहा, 'मेरी अंतरात्मा हमेशा कहती है कि नेल्सन मंडेला के नक्शेकदम पर चलो, क्योंकि उन्होंने महान बलिदान दिए...'

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मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति थे. इससे पहले रंगभेदी सरकार के राजनीतिक कैदी के रूप में 27 साल उन्होंने जेल में बिताए थे. रामाफोसा ने अपना संबोधन समाप्त करते हुए कहा, 'मेरी अंतरात्मा मुझे कहती थी कि इस देश को महान बनाने के लिए आप जो कुछ भी कर सकते हैं करें..और मैं ठीक वहीं कर रहा हूं. हमारे सामने आने वाली सभी चुनौतियों के बावजूद मैं हम सभी से दक्षिण अफ्रीका के लोगों की सेवा करने के लिए यथासंभव योगदान देने का आह्वान करता हूं.'

(पीटीआई-भाषा)

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