वाशिंगटन : अमेरिका के वरिष्ठ सांसद मार्क वॉर्नर ने कहा कि वह भारत को 'नाटो प्लस' का हिस्सा बनाने के लिए एक विधेयक पेश करने की योजना बना रहे हैं, जिससे चीन की बढ़ती चुनौतियों के बीच शीर्ष अमेरिकी प्रौद्योगिकी और रक्षा उपकरणों को स्थानांतरित करने में नौकरशाही के स्तर पर पेश आ रही परेशानियों को दूर किया जा सकेगा. 'उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्लस' (वर्तमान में नाटो प्लस 5) एक सुरक्षा व्यवस्था है, जो रक्षा और खुफिया संबंधों को बढ़ावा देने के लिए नाटो और पांच गठबंधन देशों-ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इज़राइल व दक्षिण कोरिया को एक साथ लाती है.
वॉर्नर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सीनेट इंडिया कॉकस में मेरे सह-अध्यक्ष सीनेटर (जॉन) कॉर्निन और मैं इस सप्ताह इस विधेयक को एक स्वतंत्र (स्टैंडअलोन) विधेयक और रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन विधेयक के तौर पर पेश करेंगे, ताकि भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को गति देने में मदद मिले." वार्नर ने कहा, "हम जो प्रस्ताव रख रहे हैं, उसका मकसद तथाकथित नाटो प्लस5 व्यवस्था में भारत को शामिल करना है, जिससे अमेरिका मामूली नौकरशाही हस्तक्षेप के साथ नयी दिल्ली को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करने में सक्षम हो पाए." डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के नेता कॉर्निन 'सीनेट इंडिया कॉकस' के सह-अध्यक्ष हैं. यह कॉकस अमेरिकी सीनेट में एकमात्र देश-विशिष्ट संसदीय कॉकस है.
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इंटेलिजेंस पर शक्तिशाली सीनेट सेलेक्ट कमेटी के अध्यक्ष वार्नर ने कहा कि यह अमेरिका-भारत संबंधों के लिए एक असाधारण महत्वपूर्ण सप्ताह है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ वार्ता के लिए वाशिंगटन आने वाले हैं. उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ यात्रा करने और कई तरह की बैठकें करने, यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस में उनकी प्रस्तुति सुनने और प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज में भाग लेने के अपने अवसरों की प्रतीक्षा कर रहा हूं. भारत की स्वतंत्रता के बाद से, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसके संबंध कई तरह के वाक्यांशों से गुजरे है."
(पीटीआई-भाषा)