न्यूयार्क : फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा माली के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर रूस ने वीटो कर दिया है. इन देशों ने माली के खिलाफ जारी प्रतिबंधो को एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया था. सुरक्षा परिषद के 13 सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र के एक साल के प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया. लेकिन रूस ने वीटो कर दिया, और और चीन वोटिंग से बाहर रहा. माली पर जो प्रतिबंध 2017 में लगा था उसको उसको अगस्त 2024 तक बढ़ाने का प्रस्ताव था. जिसको रुस ने वीटो करके गिरा दिया. रूस इस विस्तार के अंतिम होने के लिए अडिग रहा.
रूस के प्रतिनिधि वसीली नेबेज्या ने वोटिंग से पहले कहा कि यह यूएई और फ्रांस के प्रस्ताव को माली की शांति के लिए अपनाना प्रतिकूल होगा. बुधवार को सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों न दो प्रस्ताव पर वोट डाले . इसको पास करने के लिए वीटों देश ( चीन, रूस, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ) की वीटो न लगाने की स्थिती में कम से कम 9 वोटों की जरूरत होती है.
सैन्य तख्तापलट के बाद कई अफ्रीकी देशों पर अमेरिका प्रतिबंंध लगा चुका है.माली भी उन देशों में शामिल है जहां अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं, अफ्रीकी देशों में रुस के हस्तक्षेप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रूस ने माली पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को वीटो लगाकर गिरा दिया. माली सैन्य प्रशासन ने प्रतिबंधो में ढ़िलाई की मांग की थी.
वर्तमान में माली पर लगाए गए प्रतिबंधो की व्यवस्था के तहत प्रतिबंध सूची में माली में शांति, सुरक्षा या स्थिरता को खतरे में डालने के लिए व्यक्ति और संगठन जिम्मेदार हो सकते हैं विशेष रूप से वो जो 2015 का शांति समझौते का उल्लंघन करके दुश्मनी कर रहे हैं, इसके कार्यान्वन में बाधा डाल रहे है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं और सेना में बच्चो की भर्ती में शामिल हैं, और उन संगठनों और व्यक्तियों काली सूची में डाल दिया गया और उनके विदेशी दौरो पर प्रतिबंध लगा दिया. उनकी संपत्ति और आर्थिक संसाधन जब्त कर लिए गए.
(एएनआई)