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Quad Leader On China : क्वाड नेताओं ने दक्षिण चीन सागर पर दिखाई एकजुटता, इशारों-इशारों में चीन को दे डाली चेतावनी

'क्वाड' देशों के नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध के 'भयावह और दुखद' मानवीय परिणामों पर शनिवार को गहरी चिंता जताई तथा बातचीत व कूटनीति के जरिये इस संघर्ष को समाप्त करने की अपील की. क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की. क्वाड नेताओं ने कहा कि हम अस्थिरता या एकतरफा गतिविधियों का कड़ा विरोध करते हैं, जिनमें यथास्थिति को जबरन बदलने की कोशिश की जाती हो.

Quad Leader On China
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : May 21, 2023, 1:58 PM IST

हिरोशिमा : जापान में 'क्वाड' देशों के नेताओं ने युद्ध के खिलाफ एकजुटता दिखाई. 'क्वाड' देशों के नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध के 'भयावह और दुखद' मानवीय परिणामों पर शनिवार को गहरी चिंता जताई. नेताओं ने कहा कि इस युद्ध को बातचीत व कूटनीति के जरिये खत्म किया जाना चाहिए. क्वाड नेताओं ने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं होना चाहिए. क्वाड नेताओं ने एक मुक्त और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता भी दोहराई.

क्वाड नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया. जिसमें यूक्रेन संकट, पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए उनके दृष्टिकोण को शामिल किया गया. क्वाड नेताओं ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के सम्मान के लिए खड़े हैं.

'हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां किसी देश का दबदबा न हो' : उन्होंने कहा कि हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां किसी देश का दबदबा न हो. क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की. क्षेत्र में चीनी सेना की आक्रामक गतिविधियों के बीच, क्वाड नेताओं ने कहा कि हम अस्थिरता या एकतरफा कार्रवाइयों का कड़ा विरोध करते हैं. जिनमें यथास्थिति को जबरन बदलने की कोशिश की जाती हो. नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर भी जोर दिया, विशेष रूप से जैसा कि समुद्री कानून से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संधि में परिलक्षित होता है. उन्होंने सभी तरह के आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ की स्पष्ट रूप से निंदा की.

'क्वाड के बयान में सीधे तौर पर चीन का उल्लेख नहीं' : पिछली बैठकों की तरह, क्वाड के बयान में सीधे तौर पर चीन का उल्लेख नहीं था. लेकिन हिंद-प्रशांत 'समुद्री डोमेन' में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तीखे संदर्भ दिए गए थे. बयान में कहा गया कि हम अस्थिरता या एकतरफा कार्रवाइयों का दृढ़ता से विरोध करते हैं जो बल या जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने की कोशिश करते हैं.

बयान में कहा गया कि हम विवादित स्थानों जैसे पूर्वी चीन का समुद्र के सैन्यीकरण, कोस्टगार्ड और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग और अन्य देशों के अपतटीय संसाधन शोषण गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं.

'क्षेत्रीय 'चुनौतियों' को 'कम करने' की बात' : पूछे जाने पर कि क्या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की आक्रामक कार्रवाइयों और अप्रैल 2020 से सैन्य गतिरोध पर चर्चा की गई क्वात्रा ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन क्वाड नेताओं ने क्षेत्रीय 'चुनौतियों' को 'कम करने' की बात की थी. संयुक्त बयान में कहा गया कि नेताओं ने इंडो-पैसिफिक सहित क्षेत्र में विकास के अपने रणनीतिक मूल्यांकन को साझा किया. नेताओं ने इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि कैसे क्वाड देश आपस में और इंडो-पैसिफिक के अन्य देशों के साथ एक सकारात्मक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में सहयोग कर सकते हैं.

यूक्रेन की स्थिति पर जताई चिंता, जारी रहेगी मानवीय मदद : क्वाड संयुक्त बयान में कहा गया कि हम यूक्रेन में खाद्य, ईंधन और ऊर्जा सुरक्षा और महत्वपूर्ण आपूर्ति सहित वैश्विक आर्थिक प्रणाली पर युद्ध के के गंभीर प्रभावों को पहचानते हैं. नेताओं ने कहा कि वे संघर्ष को हल करने के लिए 'बातचीत और कूटनीति' के लिए प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, क्वाड देशों ने सीधे तौर पर रूस की कार्रवाइयों का उल्लेख नहीं किया, जिसे इस मुद्दे पर भारत के अलग-अलग रुख के संदर्भ में समझा जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूत्र दोहराया : उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यही बात इससे पहले कह चुके हैं. मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने हिरोशिमा में, चार देशों के समूह 'क्वाड' के वार्षिक शिखर सम्मेलन में यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ अन्य वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने कहा- हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक व्यापार, नवाचार और विकास का 'इंजन' : शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में, मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक व्यापार, नवाचार और विकास का 'इंजन' बताया और कहा कि इसकी सफलता व सुरक्षा पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने क्वाड के रचनात्मक एजेंडे को मजबूत करने और क्षेत्र के लिए ठोस परिणाम देने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने 2024 में होने वाले समूह के अगले शिखर सम्मेलन के लिए क्वाड नेताओं को भारत आमंत्रित किया.

नेताओं ने कहा कि इस संदर्भ में, आज हम यूक्रेन में जारी युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. इसके भयानक एवं दुखद मानवीय परिणामों पर शोक व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि हम खाद्य, ईंधन और ऊर्जा सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं सहित वैश्विक आर्थिक प्रणाली पर इसके गंभीर प्रभावों को पहचानते हैं. हम यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे.

'हमारा युग युद्ध का युग नहीं होना चाहिए' : बयान में कहा गया कि यह जानते हुए कि हमारा युग युद्ध का (युग) नहीं होना चाहिए, हम बातचीत और कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का समर्थन करते हैं. क्वाड नेताओं के इस बयान में प्रधानमंत्री मोदी के रुख की प्रतिध्वनि दिखी. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर पिछले साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है.

मोदी की इस टिप्पणी के लिए दुनियाभर के नेताओं ने उनकी प्रशंसा की थी. बयान के अनुसार क्वाड अपने क्षेत्रीय भागीदारों के साथ व्यापक रूप से और निरंतर काम करेगा ताकि आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से उत्पन्न खतरों पर अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप लगाम लगाई जा सके और उनका जवाब देने की क्षमता को मजबूत किया जा सके. बयान में कहा गया है कि हम इस तरह के आतंकवादी हमलों के अपराधियों की जवाबदेही तय करने के लिए एक साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

मुंबई में 2008 में हुए हमलों की निंदा : हम मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों और पठानकोट आतंकी हमले की एक बार फिर कड़ी निंदा करते हैं. नेताओं ने कहा कि उनकी सरकारें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के अनुसार उचित प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. बयान में कहा गया कि मार्च 2023 में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान घोषित आतंकवाद विरोधी नए कार्य समूह के माध्यम से हम अपने सहयोग को मजबूत करेंगे.

हिरोशिमा : जापान में 'क्वाड' देशों के नेताओं ने युद्ध के खिलाफ एकजुटता दिखाई. 'क्वाड' देशों के नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध के 'भयावह और दुखद' मानवीय परिणामों पर शनिवार को गहरी चिंता जताई. नेताओं ने कहा कि इस युद्ध को बातचीत व कूटनीति के जरिये खत्म किया जाना चाहिए. क्वाड नेताओं ने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं होना चाहिए. क्वाड नेताओं ने एक मुक्त और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता भी दोहराई.

क्वाड नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया. जिसमें यूक्रेन संकट, पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए उनके दृष्टिकोण को शामिल किया गया. क्वाड नेताओं ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के सम्मान के लिए खड़े हैं.

'हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां किसी देश का दबदबा न हो' : उन्होंने कहा कि हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां किसी देश का दबदबा न हो. क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की. क्षेत्र में चीनी सेना की आक्रामक गतिविधियों के बीच, क्वाड नेताओं ने कहा कि हम अस्थिरता या एकतरफा कार्रवाइयों का कड़ा विरोध करते हैं. जिनमें यथास्थिति को जबरन बदलने की कोशिश की जाती हो. नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर भी जोर दिया, विशेष रूप से जैसा कि समुद्री कानून से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संधि में परिलक्षित होता है. उन्होंने सभी तरह के आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ की स्पष्ट रूप से निंदा की.

'क्वाड के बयान में सीधे तौर पर चीन का उल्लेख नहीं' : पिछली बैठकों की तरह, क्वाड के बयान में सीधे तौर पर चीन का उल्लेख नहीं था. लेकिन हिंद-प्रशांत 'समुद्री डोमेन' में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तीखे संदर्भ दिए गए थे. बयान में कहा गया कि हम अस्थिरता या एकतरफा कार्रवाइयों का दृढ़ता से विरोध करते हैं जो बल या जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने की कोशिश करते हैं.

बयान में कहा गया कि हम विवादित स्थानों जैसे पूर्वी चीन का समुद्र के सैन्यीकरण, कोस्टगार्ड और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग और अन्य देशों के अपतटीय संसाधन शोषण गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं.

'क्षेत्रीय 'चुनौतियों' को 'कम करने' की बात' : पूछे जाने पर कि क्या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की आक्रामक कार्रवाइयों और अप्रैल 2020 से सैन्य गतिरोध पर चर्चा की गई क्वात्रा ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन क्वाड नेताओं ने क्षेत्रीय 'चुनौतियों' को 'कम करने' की बात की थी. संयुक्त बयान में कहा गया कि नेताओं ने इंडो-पैसिफिक सहित क्षेत्र में विकास के अपने रणनीतिक मूल्यांकन को साझा किया. नेताओं ने इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि कैसे क्वाड देश आपस में और इंडो-पैसिफिक के अन्य देशों के साथ एक सकारात्मक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में सहयोग कर सकते हैं.

यूक्रेन की स्थिति पर जताई चिंता, जारी रहेगी मानवीय मदद : क्वाड संयुक्त बयान में कहा गया कि हम यूक्रेन में खाद्य, ईंधन और ऊर्जा सुरक्षा और महत्वपूर्ण आपूर्ति सहित वैश्विक आर्थिक प्रणाली पर युद्ध के के गंभीर प्रभावों को पहचानते हैं. नेताओं ने कहा कि वे संघर्ष को हल करने के लिए 'बातचीत और कूटनीति' के लिए प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, क्वाड देशों ने सीधे तौर पर रूस की कार्रवाइयों का उल्लेख नहीं किया, जिसे इस मुद्दे पर भारत के अलग-अलग रुख के संदर्भ में समझा जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूत्र दोहराया : उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यही बात इससे पहले कह चुके हैं. मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने हिरोशिमा में, चार देशों के समूह 'क्वाड' के वार्षिक शिखर सम्मेलन में यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ अन्य वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने कहा- हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक व्यापार, नवाचार और विकास का 'इंजन' : शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में, मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक व्यापार, नवाचार और विकास का 'इंजन' बताया और कहा कि इसकी सफलता व सुरक्षा पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने क्वाड के रचनात्मक एजेंडे को मजबूत करने और क्षेत्र के लिए ठोस परिणाम देने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने 2024 में होने वाले समूह के अगले शिखर सम्मेलन के लिए क्वाड नेताओं को भारत आमंत्रित किया.

नेताओं ने कहा कि इस संदर्भ में, आज हम यूक्रेन में जारी युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. इसके भयानक एवं दुखद मानवीय परिणामों पर शोक व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि हम खाद्य, ईंधन और ऊर्जा सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं सहित वैश्विक आर्थिक प्रणाली पर इसके गंभीर प्रभावों को पहचानते हैं. हम यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे.

'हमारा युग युद्ध का युग नहीं होना चाहिए' : बयान में कहा गया कि यह जानते हुए कि हमारा युग युद्ध का (युग) नहीं होना चाहिए, हम बातचीत और कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का समर्थन करते हैं. क्वाड नेताओं के इस बयान में प्रधानमंत्री मोदी के रुख की प्रतिध्वनि दिखी. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर पिछले साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है.

मोदी की इस टिप्पणी के लिए दुनियाभर के नेताओं ने उनकी प्रशंसा की थी. बयान के अनुसार क्वाड अपने क्षेत्रीय भागीदारों के साथ व्यापक रूप से और निरंतर काम करेगा ताकि आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से उत्पन्न खतरों पर अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप लगाम लगाई जा सके और उनका जवाब देने की क्षमता को मजबूत किया जा सके. बयान में कहा गया है कि हम इस तरह के आतंकवादी हमलों के अपराधियों की जवाबदेही तय करने के लिए एक साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

मुंबई में 2008 में हुए हमलों की निंदा : हम मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों और पठानकोट आतंकी हमले की एक बार फिर कड़ी निंदा करते हैं. नेताओं ने कहा कि उनकी सरकारें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के अनुसार उचित प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. बयान में कहा गया कि मार्च 2023 में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान घोषित आतंकवाद विरोधी नए कार्य समूह के माध्यम से हम अपने सहयोग को मजबूत करेंगे.

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