हिरोशिमा : यूक्रेन पर रूस द्वारा 15 महीने पहले हमला शुरू किये जाने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पहली बार यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) के साथ शनिवार को आमने-सामने की वार्ता की और उन्हें बताया कि संघर्ष का समाधान तलाशने के लिए भारत हर संभव प्रयास करेगा. हिरोशिमा में जी-7 समूह के शिखर सम्मेलन से इतर हुई बैठक में, प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा है और समूचे विश्व पर इसके कई अलग-अलग प्रभाव पड़े हैं.
मोदी ने वार्ता के दौरान अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत और मैं, अपनी व्यक्तिगत क्षमता में, इस संघर्ष का समाधान तलाशने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा.' प्रधानमंत्री ने यूक्रेनी नेता से कहा कि वह संघर्ष को एक राजनीतिक या आर्थिक मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं और उनके लिए यह मानवता का मुद्दा है. जेलेंस्की ने भारतीय पक्ष को अपने शांति सूत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी और भारत से इसके कार्यान्वयन में शामिल होने का आग्रह किया.
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Met President @ZelenskyyUa in Hiroshima. Conveyed our clear support for dialogue and diplomacy to find a way forward. We will continue extending humanitarian assistance to the people of Ukraine. pic.twitter.com/1srbIIJUB3
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मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने यूक्रेन के नेता को समाधान निकालने के लिए बातचीत और कूटनीति के वास्ते भारत के स्पष्ट समर्थन से अवगत कराया और कहा कि भारत यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ था. मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से फोन पर कई बार बात की है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.
मोदी ने कहा, 'पिछले डेढ़ साल के दौरान फोन पर बातचीत हुई है, लेकिन... बहुत दिनों बाद मिलने का मौका मिला. यूक्रेन संकट पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा है. पूरी दुनिया पर इसके कई अलग-अलग प्रभाव पड़े हैं.' उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं इसे राजनीतिक या आर्थिक मुद्दे के रूप में नहीं देखता, मेरे लिए यह मानवता का मुद्दा है.' मोदी ने कहा, 'युद्ध की पीड़ा क्या होती है, यह हम सब से ज्यादा आप जानते हैं. जब हमारे छात्र पिछले साल यूक्रेन से वापस आए, तब उन्होंने हालात के बारे में विस्तृत रूप से जो कुछ बताया, उससे मैं आपके और यूक्रेनी नागरिकों के दर्द को समझ सका.'
जेलेंस्की ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता' का समर्थन करने और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत को धन्यवाद देता हूं.' पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद, भारत ने यूक्रेन से हजारों छात्रों को निकाला था. वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल शामिल थे. भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले की अब तक निंदा नहीं की है और नयी दिल्ली यह कहता रहा है कि संकट का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी जी-7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन और चार देशों के समूह क्वाड के शीर्ष नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे. मोदी जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की तीन देशों की यात्रा के पहले चरण के तहत यहां आए हैं. जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का एक समूह है. इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. अपनी जी-7 अध्यक्षता के तहत, जापान ने भारत और सात अन्य देशों को शिखर सम्मेलन में अतिथि सदस्यों के रूप में आमंत्रित किया था.
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(पीटीआई-भाषा)