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पाक : SC ने सांसदों को आजीवन पद के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले को किया रद्द

Pak SC disqualification : आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले आए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और इमरान खान समेत कई वरिष्ठ नेताओं के लिए राहत भरी खबर आई है. उच्चतम न्यायालय ने सांसदों को आजीवन पद के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले को रद्द कर दिया है.

Pak SC disqualification
पाकिस्तान
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By PTI

Published : Jan 8, 2024, 9:40 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सांसदों को आजीवन अयोग्य ठहराए जाने संबंधी आदेश को सोमवार को रद्द कर दिया और फैसला सुनाया कि दोषी ठहराए जाने पर सांसदों के चुनाव लड़ने और सार्वजनिक पद संभालने पर पांच साल के लिए रोक रहेगी.

आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले आए उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और इमरान खान समेत कई वरिष्ठ नेताओं को राहत मिलेगी.

शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ के 2018 के फैसले में कहा गया था कि अनुच्छेद 62(1)(एफ) के तहत अयोग्यता जीवन भर के लिए है, लेकिन 26 जून, 2023 को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत गठबंधन सरकार द्वारा चुनाव अधिनियम 2017 में बदलाव करते हुए इसे केवल पांच साल के कार्यकाल तक सीमित कर दिया गया.

प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया कि अनुच्छेद 62 (1)(एफ) के तहत अयोग्य ठहराए जाने पर किसी भी व्यक्ति को आजीवन चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है.

पीठ के छह सदस्यों ने आजीवन अयोग्यता को समाप्त करने के पक्ष में फैसला दिया, जबकि एक सदस्य ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई. इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने मामले में 2018 के पांच सदस्यीय पीठ के फैसले को रद्द कर दिया.

प्रधान न्यायाधीश ईसा और न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखैल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली की पीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायमूर्ति अफरीदी ने अन्य छह न्यायाधीशों के फैसले से असहमति जताई और आजीवन अयोग्यता का समर्थन किया.

इस फैसले ने संविधान के अनुच्छेद 62 (1) (एफ) और चुनाव अधिनियम 2017 के तहत अयोग्यता की अवधि को लेकर सभी विवादों का समाधान कर दिया है. आठ फरवरी के आम चुनाव में चौथे कार्यकाल के लिए सबसे आगे माने जा रहे पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को 2017 में पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. शरीफ के प्रतिद्वंद्वी 71 वर्षीय इमरान खान को भी इसी कानून के तहत पिछले साल तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

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पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने पूर्व पीएम इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य करार दिया, विरोध में फायरिंग

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आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले आए उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और इमरान खान समेत कई वरिष्ठ नेताओं को राहत मिलेगी.

शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ के 2018 के फैसले में कहा गया था कि अनुच्छेद 62(1)(एफ) के तहत अयोग्यता जीवन भर के लिए है, लेकिन 26 जून, 2023 को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत गठबंधन सरकार द्वारा चुनाव अधिनियम 2017 में बदलाव करते हुए इसे केवल पांच साल के कार्यकाल तक सीमित कर दिया गया.

प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया कि अनुच्छेद 62 (1)(एफ) के तहत अयोग्य ठहराए जाने पर किसी भी व्यक्ति को आजीवन चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है.

पीठ के छह सदस्यों ने आजीवन अयोग्यता को समाप्त करने के पक्ष में फैसला दिया, जबकि एक सदस्य ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई. इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने मामले में 2018 के पांच सदस्यीय पीठ के फैसले को रद्द कर दिया.

प्रधान न्यायाधीश ईसा और न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखैल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली की पीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायमूर्ति अफरीदी ने अन्य छह न्यायाधीशों के फैसले से असहमति जताई और आजीवन अयोग्यता का समर्थन किया.

इस फैसले ने संविधान के अनुच्छेद 62 (1) (एफ) और चुनाव अधिनियम 2017 के तहत अयोग्यता की अवधि को लेकर सभी विवादों का समाधान कर दिया है. आठ फरवरी के आम चुनाव में चौथे कार्यकाल के लिए सबसे आगे माने जा रहे पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को 2017 में पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. शरीफ के प्रतिद्वंद्वी 71 वर्षीय इमरान खान को भी इसी कानून के तहत पिछले साल तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

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