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India - Pakistan Dispute ! पशु चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है पाकिस्तान, जिम्मेदारियों से बचने के लिए भारत का सहारा

Pakistan emergency Rescue service ने घंटों की मशक्कत के बाद 200 फीट ऊंचे सेलुलर टावर से बंदर को पकड़ा. पकड़े जाने के बाद वन्यजीव विभाग से संपर्क किया गया और बंदर को स्थानीय जू में रखने को कहा गया. लेकिन उनके अनुरोध को विभाग द्वारा अस्वीकार कर दिया गया.

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भारत पाक पंजाब सीमा
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Published : Feb 20, 2023, 2:00 PM IST

Updated : Feb 20, 2023, 2:05 PM IST

इस्लामाबाद : एक दिलचस्प घटनाक्रम में, पाकिस्तान की सबसे बड़ी इमरजेंसी सर्विस रेस्क्यू 1122 ( Pakistan emergency Rescue service 1122 ) ने भारत के पंजाब से बहावलपुर शहर पहुंचे एक बंदर को पकड़ा है, जो विवाद का कारण बन सकता है! पाकिस्तान को अब इसे भारत को सौंपने में इसे काफी मुश्किल हो रही है.

विभाग द्वारा मिली सूचना के आधार पर बंदर को रेस्क्यू कर पकड़ लिया गया. बचाव दल ने घंटों की मशक्कत के बाद बंदर को 200 फीट ऊंचे सेलुलर टावर से पकड़ा. हालांकि बंदर के पकड़े जाने के बाद वन्यजीव विभाग से संपर्क किया गया और बंदर को स्थानीय जू में रखने को कहा गया. लेकिन उनके अनुरोध को विभाग द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, जिसने बाद में कहा कि उनके पास बंदर को रखने के लिए जू में जगह नहीं है.

जिला वन्यजीव अधिकारी मुनव्वर हुसैन नाजमी ने कहा, "हमारे विभाग के पास अतिरिक्त जानवरों को ले जाने के लिए बहावलपुर जू में न तो पर्याप्त जगह है और न ही कर्मचारी." एक अन्य कारण जो अधिकारी ने दिया वह यह कि अधिकांश जानवर जो भारत से पाकिस्तान में प्रवेश करते हैं, चोटों से मर जाते हैं, बहावलपुर वन्यजीव विभाग के पास उनका इलाज करने के लिए एक पशु चिकित्सक भी नहीं है.

उन्होंने कहा, "ज्यादातर जानवर जो भारत से पाकिस्तान जाते हैं, खासकर लंगूर और बंदर, चोटों से मर जाते हैं. हमारे पास उनका इलाज करने के लिए एक भी Veterinary doctor ( पशु चिकित्सक ) नहीं है. और इसीलिए, हम उन्हें स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि हम उनका इलाज नहीं कर सकते." नाजमी ने कहा कि पहले पशु चिकित्सक की अनुपलब्धता के कारण शेरशाह चेक पोस्ट पर एक भारतीय लंगूर की मौत हो गई थी. हालांकि, इस तथ्य के बावजूद कि वन्यजीव विभाग को पता है कि उसके पास ऐसे जानवरों की चोटों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक नहीं है, ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए विभाग को सुसज्जित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

Two Youths Released by Pakistan: पाकिस्तान से रिहा हुए दो युवक अटारी वाघा बॉर्डर से भारत पहुंचे

इस्लामाबाद : एक दिलचस्प घटनाक्रम में, पाकिस्तान की सबसे बड़ी इमरजेंसी सर्विस रेस्क्यू 1122 ( Pakistan emergency Rescue service 1122 ) ने भारत के पंजाब से बहावलपुर शहर पहुंचे एक बंदर को पकड़ा है, जो विवाद का कारण बन सकता है! पाकिस्तान को अब इसे भारत को सौंपने में इसे काफी मुश्किल हो रही है.

विभाग द्वारा मिली सूचना के आधार पर बंदर को रेस्क्यू कर पकड़ लिया गया. बचाव दल ने घंटों की मशक्कत के बाद बंदर को 200 फीट ऊंचे सेलुलर टावर से पकड़ा. हालांकि बंदर के पकड़े जाने के बाद वन्यजीव विभाग से संपर्क किया गया और बंदर को स्थानीय जू में रखने को कहा गया. लेकिन उनके अनुरोध को विभाग द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, जिसने बाद में कहा कि उनके पास बंदर को रखने के लिए जू में जगह नहीं है.

जिला वन्यजीव अधिकारी मुनव्वर हुसैन नाजमी ने कहा, "हमारे विभाग के पास अतिरिक्त जानवरों को ले जाने के लिए बहावलपुर जू में न तो पर्याप्त जगह है और न ही कर्मचारी." एक अन्य कारण जो अधिकारी ने दिया वह यह कि अधिकांश जानवर जो भारत से पाकिस्तान में प्रवेश करते हैं, चोटों से मर जाते हैं, बहावलपुर वन्यजीव विभाग के पास उनका इलाज करने के लिए एक पशु चिकित्सक भी नहीं है.

उन्होंने कहा, "ज्यादातर जानवर जो भारत से पाकिस्तान जाते हैं, खासकर लंगूर और बंदर, चोटों से मर जाते हैं. हमारे पास उनका इलाज करने के लिए एक भी Veterinary doctor ( पशु चिकित्सक ) नहीं है. और इसीलिए, हम उन्हें स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि हम उनका इलाज नहीं कर सकते." नाजमी ने कहा कि पहले पशु चिकित्सक की अनुपलब्धता के कारण शेरशाह चेक पोस्ट पर एक भारतीय लंगूर की मौत हो गई थी. हालांकि, इस तथ्य के बावजूद कि वन्यजीव विभाग को पता है कि उसके पास ऐसे जानवरों की चोटों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक नहीं है, ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए विभाग को सुसज्जित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

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Last Updated : Feb 20, 2023, 2:05 PM IST
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