इस्लामाबाद : इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत में आज पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान से जुड़े अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने इमरान की पत्नी बुशरा बीबी को राहत देते हुए 31 मई तक की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है. जवाबदेही अदालत ने बुशरा बीबी को अग्रिम जमानत देने के साथ उन्हें 500,000 रुपये का मुचलका जमा करने का भी निर्देश दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत में न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने याचिका की सुनवाई की. यहां बता दें कि लाहौर हाई कोर्ट (एलएचसी) ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में बुशरा बीबी को 23 मई तक सुरक्षा जमानत की मंजूरी दी थी. साथ ही उन्हें नियत तारीख तक संबंधित अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था. गौरतलब है कि पीटीआई प्रमुख इमरान खान के लाहौर अदालत में पेश होने के बाद बुशरा बीबी के बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हारिस ने अपने मुवक्किल के लिए 10 दिन की सुरक्षात्मक जमानत का अनुरोध किया था, जिसपर अदालत ने मंजूरी दे दी थी.
इमरान को जमान पार्क निवास के लिए 14 लाख रुपये का कर नोटिस : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सोमवार को पंजाब प्रांत की सरकार की ओर से उनके लाहौर आवास के लिए 14 लाख पाकिस्तानी रुपये का भारी भरकम कर नोटिस मिला. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख को उनके जमान पार्क निवास के लिए 14,40,000 रुपये के भुगतान को लेकर जारी नोटिस के अनुसार उन्हें सोमवार तक इस राशि का भुगतान करना है जबकि इसे जमा करने की आखिरी तारीख 12 मई थी. खान वर्तमान में जमान पार्क निवास में रहते हैं.
प्रांतीय कर संग्रह प्राधिकरण ने कहा कि खान से पिछले महीने घर का एक दस्तावेज मांगा गया था जिसे उन्होंने जमा करा दिया है और इसके मूल्यांकन के बाद उन्हें यह भारी भरकम कर चालान भेजा गया. खबर के मुताबिक, इमरान खान ने अपने कर का नियमित रूप से भुगतान किया है, लेकिन अगर वह इस बार ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें कानून के अनुसार एक और नोटिस भेजा जाएगा. जमान पार्क में पीटीआई प्रमुख के पुराने घर को ध्वस्त कर उसके स्थान पर नए आवास का निर्माण किया गया था, जिसका स्वामित्व उनके और उनकी बहनों के पास है.
फिर से गिरफ्तार हुईं इमरान की करीबी शिरीन मजारी: इमरान खान की करीबी सहयोगी शिरीन मजारी को एक अदालत के आदेश पर जेल से रिहा किए जाने के कुछ घंटे बाद सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. लाहौर हाई कोर्ट की रावलपिंडी पीठ ने किसी मामले में मजारी की आवश्यकता न होने पर उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया था. मजारी (57) ने 2018 से 2022 तक खान की सरकार में मानवाधिकार मंत्री के रूप में कार्य किया था. उनके वकील अहसान पीरजादा ने कहा कि रावलपिंडी की आदियाला जेल से रिहा होने के कुछ ही देर बाद पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
(इनपुट-एजेंसी)