इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री इमरान खान के शक्ति प्रदर्शन में एक घंटे से भी कम समय बाकी रहने पर पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दल- जम्हूरी वतन पार्टी (जेडब्ल्यूपी) के प्रमुख शाहज़ैन बुगती इमरान खान के खिलाफ (JWP chief Shahzain Bugti against Imran) हो गए हैं. पाकिस्तान में सत्तारुढ़ इमरान खान की पार्टी- पीटीआई के सहयोगी रहे बुगती ने रविवार को सरकार से अलग होने की घोषणा की. उन्होंने कहा, वह पीएम इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेंगे. बता दें कि गठबंधन की सरकार चला रहे इमरान खान की पार्टी के सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए उन्हें कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक बलूचिस्तान में सुलह और सद्भाव (Reconciliation and Harmony in Balochistan) पर इमरान खान के विशेष सहायक के रूप में सुर्खियों में रहे शाहज़ैन बुगती ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के साथ बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बुगती ने घोषणा की कि वह इमरान खान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर जेडब्ल्यूपी इमरान के खिलाफ विपक्ष का समर्थन करेगी.
गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को देश की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद सत्ता से बेदखल होना पड़ सकता है. नेशनल असेंबली का सत्र 28 मार्च को बुलाया गया है. इस्लामाबाद में पीपीपी के लंबे मार्च के बाद विपक्ष द्वारा 8 मार्च को इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था. विपक्ष को भरोसा है कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा. बता दें कि पीटीआई के कई सांसद पीएम इमरान खान के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं.
ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अविश्वास प्रस्ताव का समय नजदीक आने के साथ-साथ पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है. सत्ताधारी दल के लगभग 50 मंत्री 'लापता' हो गए हैं. बता दें कि पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 सांसदों का समर्थन जरूरी है.
पीटीआई के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार 179 सदस्यों के समर्थन से बनी थी. इमरान खान की पीटीआई के 155 सदस्यों के अलावा चार प्रमुख सहयोगी- मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के सात, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-Q) के पांच, बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) के पांच और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) के तीन सांसदों ने इमरान खान को समर्थन दिया था.
इमरान खान की कुर्सी छिनने की आशंका है क्योंकि चार सहयोगियों में से तीन, यानी MQM-P, PML-Q और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है. इन दलों ने कहा है कि नेशनल असेंबली में वे इमरान खान के खिलाफ मतदान करेंगे. कुर्सी बचाने के आखिरी प्रयास में, इमरान खान ने पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम को सहयोगियों से मिलने भेजा था. उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनके मुद्दों का समाधान किया जाएगा.
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इससे पहले शनिवार को पाकिस्तान के गृह मंत्री ने मध्यावधि चुनाव के संकेत दिए. पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने पीएम को मध्यावधि चुनाव कराने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि मैं एक अच्छा बजट पेश करने के बाद जल्द चुनाव की मांग कर रहा हूं क्योंकि इस विपक्ष ने हमें फिर से जीतने की इजाजत दी है. विपक्ष को 'मूर्ख' बताते हुए राशिद ने कहा कि उनके अविश्वास प्रस्ताव वाले कदम ने पीएम इमरान खान को लोकप्रियता के उस स्तर पर पहुंचा दिया है जहां जल्दी चुनाव कराने का यह सही समय है.
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बता दें कि गत 20 मार्च को आई एक खबर में दावा किया गया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री इमरान खान से इस्तीफा देने के लिए कहा. खबरों के मुताबिक इमरान के इस्तीफे की मांग से पहले बाजवा और पाक के जासूस लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने इमरान खान से मुलाकात की.
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इमरान खान इतिहास बनाने की दहलीज पर
गौरतलब है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इमरान खान की सरकार गिरती है तो यह पाकिस्तान के इतिहास की पहली घटना होगी. इससे पहले कोई अन्य सरकार पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के कारण नहीं गिरी. दूसरी ओर अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता है तो संभव है कि इमरान दूसरा इतिहास रच डालें. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके कार्यकाल के 17 महीने बाकी हैं, और आज तक कोई भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है. ऐसे में इमरान पांच साल तक कुर्सी पर बने रहने वाले पहले पीएम भी बन सकते हैं.
(एएनआई)