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Nepal Presidential Elections: नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामाकंन प्रक्रिया शुरू, प्रचंड ने विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन किया

नेपाल में राष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडयाल को समर्थन किया है. वहीं आठ पार्टियों ने भी पौडयाल के पक्ष में मतदान करने की बात कही है. इससे पौडयाल के राष्ट्रपति चुने जाने की प्रबल संभावना है.

Nepal Presidential Elections
नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव
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Published : Feb 25, 2023, 5:24 PM IST

काठमांडू : नेपाल में नौ मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई. इस चुनाव के बाद देश के राजनीतिक समीकरण में बदलाव आने के आसार है, क्योंकि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने गठबंधन सरकार में साझेदार पार्टी के प्रत्याशी से किनारा कर विपक्षी नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडयाल का इस शीर्ष पद के लिए समर्थन किया है.

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न तीन बजे तक निर्वाचन आयोग में नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकता है. पौडयाल (78) के निवर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल संभावना है क्योंकि आठ पार्टियों, नेपाली कांग्रेस, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन)-माओइस्ट सेंटर, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट, राष्ट्रीय जनता पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और जनमत पार्टी ने उनके पक्ष में मतदान करने का फैसला किया है.

माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री 'प्रचंड' ने सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष के पी शर्मा ओली को झटका देते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर का राष्ट्रपति चुनने का फैसला किया है. राष्ट्रपति चुनाव में पार्टियों के रुख से सात पार्टियों के सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल पैदा हो गए हैं. प्रधानमंत्री प्रचंड ने एक बैठक के दौरान नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार को नए राष्ट्रपति के लिए समर्थन करने का प्रस्ताव किया.

उन्होंने तर्क दिया कि संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार का चुनाव देश में राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए आवश्यक है. बैठक में शामिल सभी पार्टियों ने प्रचंड के प्रस्ताव का समर्थन किया. नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने के दौरान किसी उम्मीदवार के लिए पांच संसद सदस्यों की प्रस्तावक के रूप में और इतने ही सदस्यों की आवश्यकता उम्मीदवारी के अनुमोदन के लिए होती है.

नेपाली राष्ट्रपति का चुनाव 882 उम्मीदवार करेंगे जिनमें से 332 सदस्य संसद के हैं जबकि बाकी 550 सदस्य सात प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्य हैं. संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 79 है जबकि प्रांतीय विधानसभा के एक सदस्य का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य 48 है. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश मान सिंह ने बताया कि पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी की नेपाली कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि पौडयाल पार्टी के आधिकारिक राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे.

आठ पार्टियों के समर्थन से पौडयाल का जीतना लगभग तय है. इस बीच, ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्कसिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) ने संसद के पूर्व अध्यक्ष सुभाष नेमबांग को शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.गौरतलब है कि प्रचंड ने पिछले साल नवंबर में सीपीएन-यूएमएल के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी.

ये भी पढ़ें - Nepal Transport Workers Protest Against Police: नेपाल में पुलिस की मनमानी के खिलाफ ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों ने फूंके पुलिस वाहन

(पीटीआई-भाषा)

काठमांडू : नेपाल में नौ मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई. इस चुनाव के बाद देश के राजनीतिक समीकरण में बदलाव आने के आसार है, क्योंकि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने गठबंधन सरकार में साझेदार पार्टी के प्रत्याशी से किनारा कर विपक्षी नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडयाल का इस शीर्ष पद के लिए समर्थन किया है.

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न तीन बजे तक निर्वाचन आयोग में नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकता है. पौडयाल (78) के निवर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल संभावना है क्योंकि आठ पार्टियों, नेपाली कांग्रेस, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन)-माओइस्ट सेंटर, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट, राष्ट्रीय जनता पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और जनमत पार्टी ने उनके पक्ष में मतदान करने का फैसला किया है.

माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री 'प्रचंड' ने सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष के पी शर्मा ओली को झटका देते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर का राष्ट्रपति चुनने का फैसला किया है. राष्ट्रपति चुनाव में पार्टियों के रुख से सात पार्टियों के सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल पैदा हो गए हैं. प्रधानमंत्री प्रचंड ने एक बैठक के दौरान नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार को नए राष्ट्रपति के लिए समर्थन करने का प्रस्ताव किया.

उन्होंने तर्क दिया कि संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार का चुनाव देश में राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए आवश्यक है. बैठक में शामिल सभी पार्टियों ने प्रचंड के प्रस्ताव का समर्थन किया. नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने के दौरान किसी उम्मीदवार के लिए पांच संसद सदस्यों की प्रस्तावक के रूप में और इतने ही सदस्यों की आवश्यकता उम्मीदवारी के अनुमोदन के लिए होती है.

नेपाली राष्ट्रपति का चुनाव 882 उम्मीदवार करेंगे जिनमें से 332 सदस्य संसद के हैं जबकि बाकी 550 सदस्य सात प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्य हैं. संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 79 है जबकि प्रांतीय विधानसभा के एक सदस्य का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य 48 है. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश मान सिंह ने बताया कि पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी की नेपाली कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि पौडयाल पार्टी के आधिकारिक राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे.

आठ पार्टियों के समर्थन से पौडयाल का जीतना लगभग तय है. इस बीच, ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्कसिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) ने संसद के पूर्व अध्यक्ष सुभाष नेमबांग को शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.गौरतलब है कि प्रचंड ने पिछले साल नवंबर में सीपीएन-यूएमएल के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी.

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(पीटीआई-भाषा)

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