कुआलालंपुर: अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने ताइवान यात्रा संबंधी अटकलों के बीच अपने दक्षिण एशिया दौरे की शुरुआत सोमवार को की. ताइवान में उनके संभावित ठहराव से जुड़े सवालों ने बीजिंग से तनाव बढ़ा दिया है. हालांकि, कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन ताइवान में स्थानीय मीडिया ने बताया कि पेलोसी मंगलवार की रात उसकी राजधानी ताइपे पहुंचेंगी.
ताइवान के 'द यूनाइटेड डेली न्यूज', 'लिबर्टी टाइम्स' और 'चाइना टाइम्स' के तीन सबसे बड़े राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए कहा कि वह मलेशिया का दौरा करने के बाद मंगलवार की रात ताइपे पहुंचेंगी. इस तरह की यात्रा से बीजिंग में रोष फैल सकता है, जो ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और बार-बार 'गंभीर परिणाम' की चेतावनी देता है. उधर, पेलोसी ने सोमवार को तड़के सिंगापुर पहुंचकर वहां के नेताओं से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पेलोसी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग, राष्ट्रपति हलीमा याकूब और अन्य कैबिनेट सदस्यों से मुलाकात की.
सप्ताहांत में एक बयान में पेलोसी ने कहा था कि वह व्यापार, कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और 'लोकतांत्रिक शासन' पर चर्चा करने के लिए मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान का भी दौरा करेंगी. हालांकि, उन्होंने ताइवान का दौरा करने संबंधी खबरों की पुष्टि नहीं की थी. उल्लेखनीय है कि चीन इसे अपना क्षेत्र होने का दावा करता है. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले सप्ताह अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन के साथ टेलीफोन पर की गई वार्ता में ताइवान के मामले में हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी थी.
सिंगापुर में 'अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स' के एक स्वागत कार्यक्रम में भी पेलोसी के शामिल होने की उम्मीद है. उनकी यात्रा के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहने के कारण मीडिया को उनके कार्यक्रमों से दूर रखा गया है. चीन को लगता है कि ताइवान के साथ आधिकारिक अमेरिकी संपर्क उसकी दशकों पुरानी उस नीति के खिलाफ उसे (ताइवान को) उकसाता है, जिसके तहत वह उसे 'वास्तविक, स्वतंत्रता और स्थायी क्षेत्र' मानता है. हालांकि, अमेरिकी नेताओं का कहना है कि वे चीन के इस दृष्टकोण का समर्थन नहीं करते हैं.
पेलोसी यदि ताइवान का दौरा करती हैं, तो वह 1997 में प्रतिनिधि सभा के तत्कालीन अध्यक्ष न्यूट गिंगरिच के बाद ताइवान की यात्रा करने वाली सर्वोच्च पद पर आसीन पहली निर्वाचित अमेरिकी अधिकारी होंगी. बाइडन प्रशासन ने बीजिंग को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि अगर ऐसी यात्रा होती है, तो यह अमेरिकी नीति में किसी बदलाव का संकेत नहीं होगा. बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को पहले की चेतावनी को दोहराते हुए कहा, 'अगर वह यात्रा करने पर जोर देती हैं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.' लिजियान ने कहा, 'हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए मजबूत और दृढ़ कदम उठाएगा.'
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संसद के एक अधिकारी ने बताया कि पेलोसी मंगलवार को मलेशिया जाएंगी और वहां के निचले सदन के अध्यक्ष अजहर अजीजान हारून से मुलाकात करेंगी. दक्षिण कोरियाई नेशनल असेंबली के अध्यक्ष किम जिन प्यो के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और जलवायु संकट पर बातचीत के लिए पेलोसी गुरुवार को सियोल में किम से मिल सकती हैं. लेकिन अमेरिका ने पेलोसी के यात्रा कार्यक्रम के बारे में विवरण देने से इनकार किया है. ऐसे में यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि वह दक्षिण कोरिया कब पहुंचेंगी और वहां कब तक रहेंगी. पेलोसी के बुधवार के कार्यक्रम के बारे में भी स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं है और इस बारे में कोई ब्योरा नहीं मिला है कि वह जापान कब जाएंगी.
(पीटीआई-भाषा)