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लेबनान संसदीय चुनाव : हिज्बुल्ला और उसके सहयोगियों को नहीं मिला बहुमत - लेबनान संसदीय चुनाव में हिज्बुल्लाह की हार

लेबनान की राजधानी बेरूत के बंदरगाह पर अगस्त 2020 में बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट के बाद यह पहला चुनाव है. विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे, हजारों अन्य घायल हुए थे और लेबनान की राजधानी के कुछ हिस्स नष्ट हो गए थे.

lebanon parliament elections
लेबनान में संसदीय चुनाव
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Published : May 15, 2022, 5:37 PM IST

Updated : May 17, 2022, 6:16 PM IST

बेरूत : लेबनान संसदीय चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. चुनाव नतीजों में उग्रवादी संगठन हिज्बुल्लाह और उसके सहयोगी दल ने संसद में अपना बहुमत गंवा दिया है, जबकि उसके मुखर विरोधियों एवं आधा दर्जन निर्दलीयों ने बढ़त बनाई है. हिज्बुल्लाह की अगुवाई वाले गठबंधन को 128 सदस्यीय विधानमंडल में 61 सीटें मिली हैं, जो चार वर्ष पहले हुए चुनाव में मिली सीटों से 10 कम है. यह नुकसान हिज्बुल्ला के ईसाई साझेदारों- फ्री पैट्रियोटिक मूवमेंट को लगे झटके एवं हिज्बुल्ला के पारंपारिक सहयोगियों के सीटें गंवाने के कारण हुआ है. हिज्बुल्ला नीत गठबंधन को 2018 से संसद में बहुमत मिला था.

सबसे बड़ी विजेता समीर गीगी के नेतृत्व वाली क्रिश्चियन लेबनीज फोर्सेज रही है. समीर गीगी हिज्बुल्ला और उसके ईरानी समर्थकों के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं. दूसरे सबसे बड़े विजेता ड्रूज नेता वालिद जॉम्ब्लॉट रहे हैं जिनके समूह ने सभी आठ सीटें जीत ली हैं. इस समूह ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था.

यह भी पढ़ें- स्वीडन व फिनलैंड के नाटो में शामिल होने का ब्रिटेन ने किया पुरजोर समर्थन

लेबनान में आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में नई संसद के लिए रविवार को मतदान हुआ था. यह चुनाव अक्टूबर 2019 में लेबनान में आर्थिक मंदी शुरू होने के बाद हुआ. आर्थिक मंदी के कारण सरकार विरोधी व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बेरूत के बंदरगाह पर अगस्त 2020 में बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट के बाद भी यह चुनाव हुआ. विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे, हजारों अन्य घायल हुए थे और लेबनान की राजधानी के कुछ हिस्स नष्ट हो गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

बेरूत : लेबनान संसदीय चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. चुनाव नतीजों में उग्रवादी संगठन हिज्बुल्लाह और उसके सहयोगी दल ने संसद में अपना बहुमत गंवा दिया है, जबकि उसके मुखर विरोधियों एवं आधा दर्जन निर्दलीयों ने बढ़त बनाई है. हिज्बुल्लाह की अगुवाई वाले गठबंधन को 128 सदस्यीय विधानमंडल में 61 सीटें मिली हैं, जो चार वर्ष पहले हुए चुनाव में मिली सीटों से 10 कम है. यह नुकसान हिज्बुल्ला के ईसाई साझेदारों- फ्री पैट्रियोटिक मूवमेंट को लगे झटके एवं हिज्बुल्ला के पारंपारिक सहयोगियों के सीटें गंवाने के कारण हुआ है. हिज्बुल्ला नीत गठबंधन को 2018 से संसद में बहुमत मिला था.

सबसे बड़ी विजेता समीर गीगी के नेतृत्व वाली क्रिश्चियन लेबनीज फोर्सेज रही है. समीर गीगी हिज्बुल्ला और उसके ईरानी समर्थकों के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं. दूसरे सबसे बड़े विजेता ड्रूज नेता वालिद जॉम्ब्लॉट रहे हैं जिनके समूह ने सभी आठ सीटें जीत ली हैं. इस समूह ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था.

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लेबनान में आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में नई संसद के लिए रविवार को मतदान हुआ था. यह चुनाव अक्टूबर 2019 में लेबनान में आर्थिक मंदी शुरू होने के बाद हुआ. आर्थिक मंदी के कारण सरकार विरोधी व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बेरूत के बंदरगाह पर अगस्त 2020 में बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट के बाद भी यह चुनाव हुआ. विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे, हजारों अन्य घायल हुए थे और लेबनान की राजधानी के कुछ हिस्स नष्ट हो गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : May 17, 2022, 6:16 PM IST
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