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Pakistan Politics : लाहौर हाई कोर्ट ने इमरान खान की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ दर्ज मामलों पर लाहौर हाईकोर्ट मंगलवार को सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पहले सोमवार को इमरान की पत्नी बुशरा बीबी को अल कादिर ट्रस्ट मामले में उच्च न्यायालय ने 23 मई तक अग्रिम जमानत दे दी थी.

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लाहौर उच्च न्यायालय
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Published : May 16, 2023, 2:21 PM IST

लाहौर : पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने मंगलवार को पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की 9 मई को या उसके बाद दर्ज किसी भी मामले में उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, इमरान खान की याचिका में अदालत से पंजाब के महानिरीक्षक को 9 मई को या उसके बाद लाहौर में 'अघोषित/नई प्राथमिकी' दर्ज करने के संबंध में एक नई रिपोर्ट प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

पढ़ें : Violence in Pakistan: अमेरिका ने पाकिस्तान में हिंसा के बगैर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन किया

याचिका में अदालत से इमरान को 'कानून का संरक्षण' देने और प्रतिवादियों को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना 9 मई को या उसके बाद दर्ज किसी भी नए आपराधिक मामले में पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार करने से रोकने की भी मांग की गई थी. सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति सफदर सलीम शाहिद ने पूछा कि पीटीआई प्रमुख इस समय कहां हैं. उनके वकील बैरिस्टर सलमान सफदर ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल के पास सुरक्षात्मक जमानत (Protective Bail) नहीं है.

पढ़ें : पाक सेना मुझे 10 साल जेल में रखने की साजिश रच रही है: इमरान

बैरिस्टर सलमान सफदर ने कहा कि अदालत चाहे तो इमरान खान को आज ही 11 बजे के बाद पेश किया जा सकता है. हालांकि, सरकारी वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि इमरान की याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि पीटीआई प्रमुख अदालत में पेश हुए बिना सुरक्षात्मक जमानत मांग रहे हैं. बैरिस्टर सफदर ने यह कहते हुए जवाब दिया कि उनके मुवक्किल सुरक्षात्मक जमानत नहीं मांग रहे बल्कि वह मामले को एक बड़ी पीठ को भेजने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें : Imran Khan displeasure :पाकिस्तानी सेना की दखलंदाजी पर इमरान खान ने जताई नाराजगी

बाद में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बता दें कि इसी महीने नौ मई को पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भारी हिंसा भड़क गई थी. जिसका जिम्मेदार इमरान खान को मानते हुए पाकिस्तान सरकार की ओर से कई एफआईआर दर्ज किये गये हैं. अपनी याचिका में इमरान ने कहा है कि उनके खिलाफ 100 से अधिक राजनीतिक रूप से प्रेरित और गैरकानूनी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी सैकड़ों 'मनगढ़ंत' मामले दर्ज किए गए हैं. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि 'हजारों' पीटीआई कार्यकर्ताओं को को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है जिनमें कई अभी भी लापता हैं.

पढ़ें : Imran Khan News : इमरान की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा लाहौर उच्च न्यायालय

लाहौर : पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने मंगलवार को पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की 9 मई को या उसके बाद दर्ज किसी भी मामले में उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, इमरान खान की याचिका में अदालत से पंजाब के महानिरीक्षक को 9 मई को या उसके बाद लाहौर में 'अघोषित/नई प्राथमिकी' दर्ज करने के संबंध में एक नई रिपोर्ट प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

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याचिका में अदालत से इमरान को 'कानून का संरक्षण' देने और प्रतिवादियों को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना 9 मई को या उसके बाद दर्ज किसी भी नए आपराधिक मामले में पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार करने से रोकने की भी मांग की गई थी. सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति सफदर सलीम शाहिद ने पूछा कि पीटीआई प्रमुख इस समय कहां हैं. उनके वकील बैरिस्टर सलमान सफदर ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल के पास सुरक्षात्मक जमानत (Protective Bail) नहीं है.

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बैरिस्टर सलमान सफदर ने कहा कि अदालत चाहे तो इमरान खान को आज ही 11 बजे के बाद पेश किया जा सकता है. हालांकि, सरकारी वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि इमरान की याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि पीटीआई प्रमुख अदालत में पेश हुए बिना सुरक्षात्मक जमानत मांग रहे हैं. बैरिस्टर सफदर ने यह कहते हुए जवाब दिया कि उनके मुवक्किल सुरक्षात्मक जमानत नहीं मांग रहे बल्कि वह मामले को एक बड़ी पीठ को भेजने की मांग कर रहे हैं.

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बाद में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बता दें कि इसी महीने नौ मई को पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भारी हिंसा भड़क गई थी. जिसका जिम्मेदार इमरान खान को मानते हुए पाकिस्तान सरकार की ओर से कई एफआईआर दर्ज किये गये हैं. अपनी याचिका में इमरान ने कहा है कि उनके खिलाफ 100 से अधिक राजनीतिक रूप से प्रेरित और गैरकानूनी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी सैकड़ों 'मनगढ़ंत' मामले दर्ज किए गए हैं. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि 'हजारों' पीटीआई कार्यकर्ताओं को को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है जिनमें कई अभी भी लापता हैं.

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