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इजरायल-हमास युद्ध: अमेरिका के गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर वीटो करने से कई देश निराश

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By IANS

Published : Dec 10, 2023, 8:28 PM IST

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदा प्रस्ताव को वीटो कर दिया, जिसमें गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी. लेकिन अमेरिका के इस फैसले पर कई देशों ने खेद और निराशा व्यक्त की है. एक रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में चीन ने भी अमेरिका के इस फैसले पर निराशा व्यक्त की. UN Security Council, Immediate humanitarian ceasefire in Gaza, Israel-Hamas war, Gaza ceasefire proposal

UN Security Council
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र/तेल अवीव: अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस मसौदा प्रस्ताव को वीटो करने के बाद कई देशों ने वाशिंगटन के कृत्य पर निराशा और खेद जताया. मसौदा प्रस्ताव में गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि 'हम बहुत निराशा और खेद व्यक्त करते हैं कि मसौदे को अमेरिका ने वीटो कर दिया है.'

झांग ने कहा कि 'दो महीने की लड़ाई में पहले ही अभूतपूर्व मात्रा में मौतें और विनाश हुआ है और तत्काल युद्धविराम सबसे बड़ी शर्त है.' संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के स्थायी पर्यवेक्षक रियाद एच. मंसूर ने बताया कि यह बेहद अफसोसजनक और विनाशकारी है कि परिषद को अपनी जिम्मेदारी निभाने से रोका गया. संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त अरब अमीरात के उप स्थायी प्रतिनिधि मोहम्मद अबूशाहब ने इसके परिणाम पर गहरी निराशा व्यक्त की.

हालांकि, उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक परिणाम उनके देश को परिषद के सदस्यों से कार्रवाई करने और गाजा में हिंसा को समाप्त करने के लिए आग्रह करने से नहीं रोकेगा. संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने कहा कि आज का दिन मध्य पूर्व में सबसे काले दिनों में से एक बन जाएगा, क्योंकि अमेरिका ने एक बार फिर युद्धविराम के आह्वान को रोक दिया है.

संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि निकोलस डी रिवियेर ने कहा कि उन्होंने मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. उन्होंने कहा कि फ्रांस संकट के सभी पहलुओं पर परिषद को पूरी तरह से सक्रिय करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा, चाहे वह सुरक्षा, मानवीय या राजनीतिक हो.

संयुक्त राष्ट्र में जापान के स्थायी प्रतिनिधि इशिकाने किमिहिरो ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने मसौदे के पक्ष में मतदान किया, क्योंकि सभी नागरिक जीवन की हानि, चाहे फिलिस्तीनी हो या इजरायली, दुखद है. उन्होंने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि पाठ को अपनाया नहीं जा सका.

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा तैयार और लगभग 100 देशों द्वारा समर्थित एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया, जिसमें गाजा पट्टी में तत्काल मानवीय युद्धविराम का आह्वान किया गया, जिसमें 13 ने पक्ष में मतदान किया. ब्रिटेन गैरहाजिर रहा, जबकि अमेरिका ने इसके खिलाफ मतदान किया.

गाजा पर रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच नेतन्याहू ने पुतिन से की बात

उधर, गाजा में इजरायल-हमास युद्ध को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की. इजराइली पीएमओ ने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने पुतिन से करीब पचास मिनट तक बात की.'

हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में रूसियों ने एक प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसमें गाजा में युद्धविराम और शांति का आह्वान किया गया था, जबकि अमेरिका ने प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था और ब्रिटेन मतदान से अनुपस्थित रहा था.

संयुक्त राष्ट्र/तेल अवीव: अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस मसौदा प्रस्ताव को वीटो करने के बाद कई देशों ने वाशिंगटन के कृत्य पर निराशा और खेद जताया. मसौदा प्रस्ताव में गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि 'हम बहुत निराशा और खेद व्यक्त करते हैं कि मसौदे को अमेरिका ने वीटो कर दिया है.'

झांग ने कहा कि 'दो महीने की लड़ाई में पहले ही अभूतपूर्व मात्रा में मौतें और विनाश हुआ है और तत्काल युद्धविराम सबसे बड़ी शर्त है.' संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के स्थायी पर्यवेक्षक रियाद एच. मंसूर ने बताया कि यह बेहद अफसोसजनक और विनाशकारी है कि परिषद को अपनी जिम्मेदारी निभाने से रोका गया. संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त अरब अमीरात के उप स्थायी प्रतिनिधि मोहम्मद अबूशाहब ने इसके परिणाम पर गहरी निराशा व्यक्त की.

हालांकि, उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक परिणाम उनके देश को परिषद के सदस्यों से कार्रवाई करने और गाजा में हिंसा को समाप्त करने के लिए आग्रह करने से नहीं रोकेगा. संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने कहा कि आज का दिन मध्य पूर्व में सबसे काले दिनों में से एक बन जाएगा, क्योंकि अमेरिका ने एक बार फिर युद्धविराम के आह्वान को रोक दिया है.

संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि निकोलस डी रिवियेर ने कहा कि उन्होंने मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. उन्होंने कहा कि फ्रांस संकट के सभी पहलुओं पर परिषद को पूरी तरह से सक्रिय करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा, चाहे वह सुरक्षा, मानवीय या राजनीतिक हो.

संयुक्त राष्ट्र में जापान के स्थायी प्रतिनिधि इशिकाने किमिहिरो ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने मसौदे के पक्ष में मतदान किया, क्योंकि सभी नागरिक जीवन की हानि, चाहे फिलिस्तीनी हो या इजरायली, दुखद है. उन्होंने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि पाठ को अपनाया नहीं जा सका.

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा तैयार और लगभग 100 देशों द्वारा समर्थित एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया, जिसमें गाजा पट्टी में तत्काल मानवीय युद्धविराम का आह्वान किया गया, जिसमें 13 ने पक्ष में मतदान किया. ब्रिटेन गैरहाजिर रहा, जबकि अमेरिका ने इसके खिलाफ मतदान किया.

गाजा पर रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच नेतन्याहू ने पुतिन से की बात

उधर, गाजा में इजरायल-हमास युद्ध को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की. इजराइली पीएमओ ने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने पुतिन से करीब पचास मिनट तक बात की.'

हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में रूसियों ने एक प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसमें गाजा में युद्धविराम और शांति का आह्वान किया गया था, जबकि अमेरिका ने प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था और ब्रिटेन मतदान से अनुपस्थित रहा था.

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