पाकिस्तान: पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने पूर्व पीएम इमरान खान की याचिका को खारिज कर दिया. जिसमें पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) के तोशाखाना मामले में उनकी अयोग्यता के फैसले को तुरंत निलंबित करने की मांग की थी. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने कहा कि आदेश को तुरंत निलंबित करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अयोग्यता केवल संसद की वर्तमान अवधि को कवर करती है.
इमरान खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से नहीं रोकती है. अदालत ने उनसे तीन दिनों में पूरे दस्तावेजों के साथ अपनी अपील फिर से भरने को कहा. शुक्रवार को चुनाव आयोग के पांच सदस्यीय पैनल ने एक संक्षिप्त आदेश जारी किया. और आरोप लगाया कि खान विभिन्न विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से उपहार बेचने से अर्जित धन का खुलासा करने में विफल रहे. जिससे साबित होता है कि वह 'भ्रष्ट आचरण' में लिप्त हैं. हालांकि पाकिस्तानी कानून सांसदों को ऐसे उपहार बेचने पर रोक नहीं लगाता है, लेकिन इस तरह के लेनदेन को छुपाना गैरकानूनी है.
खान की पार्टी के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूरा आदेश जारी नहीं किया है, जिससे निलंबन की स्पष्टता को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. एक तरफ, जहां पाकिस्तान सरकार के कानून मंत्री आजम नजीर तरार का दावा है कि खान को पांच साल के लिए पद से हटा दिया जाएगा, खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी का दावा है कि अयोग्यता केवल संसद की वर्तमान अवधि को कवर करती है.
चुनाव आयोग के फैसले ने दक्षिण एशियाई देश को और अधिक राजनीतिक उथल-पुथल में धकेल दिया है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही घटते विदेशी मुद्रा भंडार, व्यापक बाढ़ और उच्च मुद्रास्फीति से पीड़ित है. इमरान खान सत्तारूढ़ सरकार को कठिन समय दे रहे हैं और देश में मध्यावधि चुनाव की मांग को लेकर इस सप्ताह के अंत में इस्लामाबाद तक विरोध मार्च का नेतृत्व कर सकते हैं.