न्यूयॉर्क : अमेरिका में मौजूद भारतीय समुदाय के लोग चंद्रयान-3 के बुधवार को चंद्रमा की सतह पर उतारने संबंधी भारत के महत्वाकांक्षी मिशन के सफल होने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं. भारतीय समुदाय के लोगों का कहना है कि यह मिशन भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति के तौर पर पेश करेगा, साथ ही लाखों बच्चों को विज्ञान, भौतिकी तथा अतंरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई करने को प्रेरित करेगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का तीसरा महत्वाकांक्षी चंद्र अभियान चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए तैयार है. इसी के साथ भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के रहस्यमयी दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बनने के लिए उत्सुक है. लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से लैस एलएम के बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने की संभावना है.
कारोबारी तथा भौतिक विज्ञान में दिलचस्पी रखने वाले संदीप डागा ने कहा, 'चंद्रयान-3 की उपलब्धि देखने के लिए बेहद उत्सुक हूं.' डागा ने कहा, 'चंद्रयान-3 मिशन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम तथा इसरो को मजबूत करेगा. यह मिशन भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति के तौर पर पेश करेगा, साथ ही लाखों बच्चों को विज्ञान, भौतिकी तथा अतंरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई करने को प्रेरित करेगा.'
'बिहार फाउंडेशन ऑफ यूएस' (ईस्ट कोस्ट चैप्टर) के अध्यक्ष तथा 'फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन' (एफआईए) के पूर्व अध्यक्ष आलोक कुमार ने परिवार के साथ न्यूजर्सी के ओम श्री साई बालाजी मंदिर जा कर पूजा अर्चना की तथा चंद्रयान-3 के सफल होने की कामना की. कुमार ने कहा, 'हम प्रार्थना करते हैं कि चंद्रयान -3 सफल हो। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम तथा इतिहास में नया अध्याय लिखेगा.' न्यूजर्सी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अविनाश गुप्ता ने कहा कि भारतीय प्रवासी चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं.
ये भी पढ़ें- chandrayaan-3 Landing: तेलंगाना के युवा वैज्ञानिक ने चंद्रयान-3 के पेलोड बनाने में निभाई अहम भूमिका
(पीटीआई-भाषा)