सैन फ्रांसिस्को : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच सैन फ्रांसिस्को में प्रस्तावित शिखर बैठक अहम है और भारत जैसे प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी इसके नतीजों पर बहुत करीब से नजर रखेंगे. एक शीर्ष भारत-केंद्रित व्यापार और रणनीतिक समूह के प्रमुख ने यह बात कही. अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं सहयोग मंच (यूएसआईएसपीएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुकेश अघी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच संवाद शुरू होना महत्वपूर्ण है.
बाइडन और शी के बीच बहुप्रतीक्षित शिखर बैठक बुधवार को एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन से इतर होगी, जिसकी मेजबानी अमेरिका 11 से 17 नवंबर तक सैन फ्रांसिस्को में कर रहा है. अघी ने कहा, "मुझे लगता है कि यह शिखर बैठक न सिर्फ राष्ट्रपति बाइडन के दृष्टिकोण से, बल्कि राष्ट्रपति शी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. चीन की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है. उसकी विकास यात्रा में कुछ मुद्दे हैं, बेरोजगारी है." उन्होंने कहा, "वहीं अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं और दो युद्ध भी जारी हैं-एक पश्चिम एशिया में और एक यूक्रेन में. इसलिए उसे एक ऐसे चीन की जरूरत है, जो स्थिर हो, उसे एक ऐसे चीन की जरूरत है, जो सहयोगात्मक हो. क्या ऐसा होगा? हम नहीं जानते, लेकिन मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच संवाद शुरू हो रहा है."
अघी ने कहा, "अब भारत के नजरिये से, मुझे लगता है कि दो कमजोर नेता एक साथ आ रहे हैं. वहीं, आपके पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जो इस समय एक मजबूत नेता हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि भारत इस पर करीबी नजर रखेगा, क्योंकि इसका भू-राजनीतिक रूप से या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति पर प्रभाव पड़ता है. हम एक ही समय में सभी सर्वोत्तम परिणामों की कामना करते हैं. भारत इस पर बहुत गंभीरता से नजर रखेगा."
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