हेग : जापान में फुकुशिमा आपदा के रेडियोधर्मी प्रभाव से लेकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम तक, जोखिम भरे मिशनों के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के निरीक्षकों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यूक्रेन में जापोरिज्जिया (Zaporizhzhia) में युद्ध के बीच उनकी तैनाती खतरे के एक नए स्तर को रेखांकित करती है जिसमें संगठन संभावित विनाशकारी परमाणु आपदा को रोकने का प्रयास करेगा.
रूस के अपने पश्चिमी पड़ोसी देश पर आक्रमण के कारण छह महीने के युद्ध ने न सिर्फ आईएईए बल्कि अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के आसपास व्यवस्था बहाल करने, युद्ध अपराधों के लिए जवाबदेही तय करने और मृतकों की पहचान करने के प्रयास में टीम को तैनात करने के लिए मजबूर किया है. संगठन के सत्यापन और सुरक्षा मामलों के पूर्व प्रमुख तारिक रऊफ ने कहा, 'यह पहली बार नहीं है कि आईएईए टीम लड़ाई के दौरान गई है. आईएईए ने 2003 में इराक और पूर्व सोवियत गणराज्य जॉर्जिया में लड़ाई के दौरान निरीक्षकों को भेजा था.'
उन्होंने कहा, 'लेकिन मुझे लगता है कि जापोरिज्जिया में यह स्थिति सबसे गंभीर है जहां आईएईए ने लोगों को भेजा है, इसलिए यह अभूतपूर्व है.' आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने गुरुवार को दक्षिणी यूक्रेन में विशाल संयंत्र के लिए एक टीम के नेतृत्व के दौरान के जोखिमों पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'ऐसे क्षण थे, जब हमने स्पष्ट तौर पर गोलियों की आवाज सुनी. भारी मशीनगन, हथियार, दो या तीन बार मोर्टार वास्तव में हम सभी के लिए बहुत चिंतित करने वाले थे.'
सहयोगियों को अंदर छोड़ने के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि एजेंसी अभी से संयंत्र से 'नहीं हटने वाली है' और एजेंसी के विशेषज्ञों की 'निरंतर मौजूदगी' का संकल्प जताया. आईएईए एकमात्र अंतरराष्ट्रीय संगठन नहीं है जो मौजूदा युद्ध के बीच यूक्रेन में स्थायी रूप से कर्मचारियों को भेजने की मांग कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अभियोजक करीम खान ने तीन बार यूक्रेन का दौरा किया है, देश में एक कार्यालय स्थापित किया है और अत्याचारों की व्यापक रिपोर्ट के बीच सबूत इकट्ठा करने के लिए जांचकर्ताओं को संघर्ष क्षेत्र में भेजा है. नीदरलैंड सहित राष्ट्रों की सरकारों ने अदालत की मदद के लिए विशेषज्ञ जांचकर्ताओं को भेजा है.
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