इस्लामाबाद : पाकिस्तान में आतंकी शिविर लगातार सक्रिय हैं. समय-समय पर पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ होती रहती है. इसी सिलसिले में पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के टैंक जिले में सुरक्षाबलों ने एक अभियान चलाया, जिसमें तकरीबन 10 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया. बता दें, मंगलवार को पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा (आईएसपीआर) इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने कहा कि सुरक्षा बलों को यहां आतंकवादी गतिविधि की सूचना मिली थी, जिसके बाद अफगानिस्तान की सीमा से लगे इस अशांत जिले में यह अभियान चलाया गया.
मीडिया रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह आतंकी आम लोगों से जबरन वसूली करते थे, इनके पास से बड़ी संख्या में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद हुए हैं. बता दें, कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना ने जानकारी दी थी कि बलूचिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान के तीन आतंकियों को पाकिस्तानी सैनिकों ने मार गिराया. वहीं, पाकिस्तानी सैनिक और आतंकियों के बीच हुए मुठभेड़ में चार पाकिस्तानी सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी.
दरअसल, तहरीक-ए-तालिबान की स्थापना साल 2007 में हुई थी. इस आतंकी संगठन को अमेरिका के द्वारा 1 सितंबर 2010 को आतंकी संगठनों की सूची में रखा गया था. इसके नेताओं हकीमुल्लाह मसूद और वाली उर्रहमान को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी माना गया था. यह संगठन अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान विचारधारा को बढ़ावा देना चाहता है.
इन सब हालातों के बीच पाकिस्तान में चुनाव भी होने हैं. जनवरी 2024 के आखिरी हफ्ते में यहां चुनाव होने हैं. जब से देश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है तब से आतंकवादी संगठन और ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. यही वजह है कि आए दिन देश के किसी न किसी कोने से धमाके की खबरें आ रही हैं. यहां तक आतंकी संगठनों ने खुलेआम यह चेतावनी भी दी है कि चुनाव को लेकर कोई भी राजनीतिक पार्टियां बड़ी रैली और जलसे जैसे कार्यक्रम का आयोजन न करें.