टोक्यो: टोक्यो और पूर्वी जापान के अन्य इलाकों में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. हालांकि इन झटकों की वजह से सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे से मिली जानकारी के अनुसार 6.2 तीव्रता का भूकंप चिबा प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर 44.2 किलोमीटर की गहराई में केंद्रित था. चिबा और इबाराकी प्रान्तों में तेज झटकों की सूचना मिली थी, लेकिन यूएसजीएस ने कहा कि गंभीर क्षति या घातक होने की बहुत कम संभावना थी.
क्योदो समाचार सेवा ने कहा कि इबाराकी में टोकाई नंबर 2 परमाणु ऊर्जा संयंत्र में कोई समस्या नहीं आई है. आपको बता दें कि 5 मई को मध्य जापान में एक शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 से अधिक अन्य घायल हो गए. जापान दुनिया के सबसे भूकंप-प्रवण देशों में से एक है. देश के पूर्वोत्तर में 2011 में बड़े पैमाने पर आए भूकंप ने विनाशकारी सूनामी और परमाणु संयंत्र के पिघलने का कारण बना.
आखिर क्यों आता है भूकंप?
घरती के भीतर हिस्से को देखें तो पृथ्वी मुख्य तौर पर चार परतों से बनी है. इन परतों में इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट शामिल हैं. क्रस्ट और ऊपरी मैनटल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है. वैज्ञानिकों की माने तो यह परत करीब 50 किलोमीटर की मोटाई में है और कई वर्गों में बंटी हुई है. इन वर्गों को टैकटोनिक प्लेट्स भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों की मानें तो टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती हैं और एक दूसरे से टकराती हैं. जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन होता है, तो हमें भूकंप महसूस होता है.
भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या है मतलब?
वैज्ञानिकों की माने तो भूकंप का केंद्र वह जगह होती है, जिसके ठीक नीचे टैकटोनिक प्लेटों में हलचल होने धरती हिलने लगती है. जहां भूकंप का केंद्र होता है, वहां और इसके आसपास के इलाकों में इसका असर सबसे ज्यादा दिखाई देता है. अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है.