कराची: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के मद्देनजर पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने दक्षिणी सिंध प्रांत में निचले तटीय इलाकों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना शुरू कर दिया है. चक्रवाती तूफान के और मजबूत होने एवं इसके प्रभाव से भारी बारिश तथा तेज हवाएं चलने के आसार हैं. सभी संबद्ध अधिकारियों को सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं. अरब सागर के ऊपर बना यह चक्रवात रविवार को बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने कहा कि चक्रवाती तूफान सिंध के दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्वी हिस्सों को प्रभावित कर सकता है. पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि चक्रवाती तंत्र कराची से 690 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने सिंध के निचले तटीय इलाकों से लोगों को निकाल कर सरकारी स्कूलों तथा कार्यालयों में पहुंचाया है। चक्रवाती तूफान के पाकिस्तान में केटी बंदार और इसके आसपास के इलाकों में पहुंचने की संभावना है. केटी बंदार सिंध का सबसे पुराना बंदरगाह है.
बता दें कि बिपरजॉय के भारत में गुजरात के कच्छ जिले में 15 जून तक पहुंचने की संभावना है. इसके मद्देनजर गुजरात सरकार एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है तथा छह जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित करेगी. तूफान तटीय क्षेत्र में किस स्थान पर जमीन से टकराएगा, उसके बारे में आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी.
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एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा बहने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है.
(पीटीआई-भाषा)