बीजिंग : चीनी सेना ताइवान को लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच देश की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए युद्धकालीन कानून लाने पर जोर दे रही है. मीडिया में आी एक खबर में शनिवार को यह जानकारी दी गई है. हांगकांग के समाचार पत्र 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की खबर के अनुसार चीनी संसद 'नेशनल पीपुल्स कांग्रेस' (एनपीसी) में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रतिनिधियों ने वर्तमान सत्र के दौरान इस तरह का कानून लाने का आह्वान किया.
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के पास एनपीसी में पीएलए के प्रतिनिधियों की पर्याप्त संख्या है. खबर के अनुसार पीएलए के एक प्रतिनिधि (डिप्टी) ये डबिन ने कहा, 'हमारी युद्धकालीन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, (हमें) समयबद्ध और व्यवस्थित तरीके से युद्धकालीन कानून का अध्ययन किया जाना चाहिए.' शानदोंग प्रांत सैन्य जिले के कमांडर झांग लाइक ने सुझाव दिया कि चीन को इस तरह के कानूनों को लाए जाने पर जोर देना चाहिए.
दक्षिणी थिएटर कमान के पूर्व कमांडर युआन युबाई ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानूनों का अध्ययन किया जाना चाहिए. ताइवान जलडमरू मध्य और दक्षिण चीन सागर को लेकर बढ़े तनाव के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है. खबर के अनुसार, अमेरिकी सेना और खुफिया अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि 2027 की शुरुआत में ताइवान को लेकर संघर्ष हो सकता है.
गौरतलब है कि पिछले महीने, चीनी सांसदों ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जो सेना को युद्ध के दौरान आपराधिक प्रक्रिया कानून को लागू करने के तरीके में बदलाव करने का अधिकार देता है. खबर में एनपीसी के हवाले से कहा गया है कि सैन्य मिशनों की सुरक्षा और 'युद्ध में जीतने की (पीएलए की) क्षमता में सुधार करने के लिए यह निर्णय लिया गया था.'
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(पीटीआई-भाषा)