बीजिंग: दक्षिण चीन सागर में वियतनाम और फिलीपींस के मछली पकड़ने पर चीन का प्रतिबंध संप्रभुता को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. चीन ने दक्षिण चीन सागर में मछली पकड़ने पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए हैं. प्रतिबंध मई से अगस्त तक रहेगा है. चीन के प्रतिबंधों के तहत आने वाले क्षेत्रों में टोंकिन की खाड़ी और पैरासेल द्वीप समूह का अधिकांश हिस्सा शामिल है जो चीन के पास है लेकिन इन क्षेत्रों पर वियतनाम द्वारा भी दावा किया जाता है.
वियतनाम ने इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए चीन की निंदा की है. वियतनामी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'वियतनाम चीन से अनुरोध करता है कि वह पूर्वी सागर (दक्षिण चीन सागर) में जैविक संसाधनों के संरक्षण के उपाय करते समय, पेरासेल द्वीपों पर वियतनाम की संप्रभुता, संप्रभु अधिकारों और अपने समुद्री क्षेत्रों पर अधिकार क्षेत्र का सम्मान करे. ताकि पूर्वी सागर में बिना किसी समस्या के शांति, स्थिरता और व्यवस्था बनी रहे. इस बीच फिलीपींस ने अभी तक प्रतिबंध का जवाब नहीं दिया है. फिलीपींस में अगले सप्ताह के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होना है. यह हाल के एक सर्वेक्षण प्रकाश में आया है. इससे समुद्र में मछली पकड़ने पर गंभीर समस्या बन गयी है. सिंगापुर पोस्ट ने बताया कि यह चीनी बेड़े के आकार और इसकी 'अवैध गतिविधि' के कारण है.
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यूके में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन एनवायर्नमेंटल जस्टिस फाउंडेशन द्वारा मार्च में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार चीन की वैश्विक मत्स्य पालन बहुत विशाल, अपारदर्शी और कई बार 'अवैध' है. ये निष्कर्ष मुख्य रूप से आंकड़ों के आधार पर सामने आए हैं. चीन का दूरस्थ समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं की संख्या अज्ञात है, लेकिन कुछ का अनुमान है कि यह लगभग 2,700 है. रिपोर्टों से पता चला है कि अवैध, गैर-सूचित और अनियमित मछली पकड़ने की घटनाएं बहुत अधिक है. इसके साथ ही बंधुआ मजदूरी, तस्करी, चालक दल के व्यापक शोषण का भी पता चला है.
(एएनआई)