वाशिंगटन : अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में पाकिस्तानी मीडिया को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर पाकिस्तानी मीडिया पर चीन का नियंत्रण बढ़ रहा है. अमेरिका रिपोर्ट में दावा कर रहा है कि पाकिस्तान में प्रसारित और प्रकाशित हो रही खबरों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए चीन तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी मीडिया पर कब्जा करने के लिए चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जाल विकसित किया है. जिसका लक्ष्य पाकिस्तानी मीडिया पर महत्वपूर्ण नियंत्रण हासिल करना है. अमेरिकी विदेश विभाग ने पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में कहा कि चीन इस मामले में रूस के साथ मिलकर काम कर रहा है. ताकि वह चीन या उसके सहयोगी देशों के खिलाफ प्रसारित और प्रकाशित होने वाली खबरों पर नियंत्रण कर सके. इसी क्रम में अब पाकिस्तान उसके नये सहयोगी के रूप में उभर का सामने आ रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन कुछ अन्य करीबी साझेदार देशों की मीडिया पर भी नियंत्रण करने के प्रयास में है. रिपोर्ट में खास तौर से न-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) मीडिया फोरम का जिक्र किया गया है. जिसके माध्यम से चीन ने पाकिस्तान से अपने खिलाफ प्रकाशित होने वाली खबरों को नियंत्रित करने के लिए कहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यब फोरम खास तौर से उन खबरों पर नजर रखता है जो चीन की छवि को खराब कर सकते हैं.
पाकिस्तान में सक्रिय यह फोरम खबरों नजर रखते हुए पाकिस्तान सरकार और मीडिया संस्थानों के समक्ष अपनी आपत्ति भी दर्ज कराता है. इसके साथ ही चीन ने सीपीईसी रैपिड रिस्पांस इंफॉर्मेशन नेटवर्क जैसी पहल शुरू की है. हाल ही में चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर (सीपीएमसी) शुरू करने का वादा किया है.
विदेश विभाग की रिपोर्ट में इसको लेकर कई खुलासे किये गये हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2021 में चीन ने चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर के हिस्से के रूप में पाकिस्तानी मीडिया पर महत्वपूर्ण नियंत्रण पर बातचीत करने की मांग की. चीन पाकिस्तान के इंफॉर्मेशन एनवायरनमेंट की निगरानी और उसे अपने हिसाब से बनाये रखने के लिए एर नर्व सेंटर की स्थापना करना चाहता है. हालांकि, रिपोर्ट में यह गया है कि पाकिस्तान सरकार ने चीन के इस प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के प्रस्ताव पर उदासिनता दिखाने के बावजूद इस बारे में पर्याप्त तथ्य हैं कि पाकिस्तानी मीडिया चीन को असमान रूप से लाभ पहुंचा रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी मीडिया पाकिस्तान में चीन के एक करीबी सहयोगी की तरह काम कर रहा है.
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इसके अलावा, चीन के मसौदा अवधारणा पत्र में चीन और पाकिस्तान सरकारों से थिंक टैंक, कंसेंट मेकर, सीपीईसी अध्ययन केंद्रों, मीडिया संगठनों, पीआरसी कंपनियों और यहां तक कि स्थानीय कन्फ्यूशियस संस्थानों से इनपुट को सुव्यवस्थित करके पाकिस्तान के सूचना वातावरण की निगरानी के लिए एक तंत्रिका केंद्र स्थापित करने का आह्वान किया गया.