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चीन ने अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रस्ताव को किया बाधित

भारत और अमेरिका ने एक जून को आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र परिषद की अलकायदा एवं आईएसआईएल प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का संयुक्त रूप से प्रस्ताव किया था. लेकिन चीन ने मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर एक तकनीकी रोक लगा दी. इससे पहले भी, चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालने की भारत और इसके सहयोगियों की कोशिशों को बाधित किया है.

Abdul Rehman Makki
अब्दुल रहमान मक्की
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Published : Jun 17, 2022, 9:14 PM IST

न्यूयॉर्क/बीजिंग: चीन ने लश्कर ए तैयबा के शीर्ष पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकी घोषित कराने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को बाधित कर दिया है. चीन ने अपने इस कदम को संबद्ध प्रक्रियाओं एवं नियमों के अनुरूप बताया है. मक्की को अमेरिका आतंकवादी घोषित कर चुका है. मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है. मक्की (74) लश्कर-ए-तैयबा में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता रहा है, जिसे अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) घोषित कर चुका है. भारत और अमेरिका, दोनों ने मक्की को अपने-अपने देश के कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर रखा है.

भारत और अमेरिका ने एक जून को मक्की को संयुक्त राष्ट्र परिषद की अलकायदा एवं आईएसआईएल प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का संयुक्त रूप से प्रस्ताव किया था. इसे यूएनएसी 1267 समिति के तौर पर भी जाना जाता है. लेकिन, पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर एक तकनीकी रोक लगा दी और यह उपाय एक बार में छह महीने की अवधि तक काम करेगा.

नई दिल्ली में, सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीन का यह फैसला आतंकवाद का मुकाबला करने के उसके दावे के विपरीत है और उसके 'दोहरे मापदंड' का संकेत देता है. उन्होंने कहा कि मक्की, भारत, खासकर जम्मू-कश्मीर, में हिंसा और हमलों को अंजाम देने के लिए योजना बनाने, धन जुटाने, गुर्गों की भर्ती करने और युवकों को कट्टरपंथी बनाने जैसे कृत्य में संलिप्त रहा है. सूत्रों ने कहा कि ऐसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधों से बचाना न केवल चीन की साख को कमजोर करेगा, बल्कि आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बीच उसे भी इस 'जोखिम' का सामना करना पड़ेगा.

बीजिंग में, चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को रोकने के अपने कदम का बचाव किया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि चीन आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करता है और यूएनएससी में 1267 समिति में हमारे द्वारा की जाने वाली कार्रवाई ने हमेशा ही संबद्ध प्रक्रिया एवं नियमों का पालन किया है.' उन्होंने कहा, चीन एक रचनात्मक और जिम्मेदाराना रवैये के साथ अपना कार्य जारी रखेगा.

यह भी पढ़ें- बिलावल भुट्टो ने भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध बहाली की वकालत की

हालांकि, उन्होंने विशेष रूप से प्रक्रिया और नियमों के बारे में विस्तार से बताने के लिए आग्रह करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं चीन का रुख पहले ही स्पष्ट रूप से साझा कर चुका हूं. मैं उससे पीछे नहीं हटूंगा.' यह पूछे जाने पर कि क्या मक्की पर चीन के इस कदम से भारत और उसके (चीन के) बीच मतभेद पैदा होगा, वेनबिन ने कहा, 'मैं चीन का रुख पहले ही बता चका हूं और जहां तक चीन-भारत संबध की बात है, हमारा रुख स्पष्ट और पहले जैसा है.' उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि भारत और चीन साथ मिल कर काम कर सकते हैं और संबंधों को अधिक मजबूत तथा स्थिर बना सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

न्यूयॉर्क/बीजिंग: चीन ने लश्कर ए तैयबा के शीर्ष पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकी घोषित कराने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को बाधित कर दिया है. चीन ने अपने इस कदम को संबद्ध प्रक्रियाओं एवं नियमों के अनुरूप बताया है. मक्की को अमेरिका आतंकवादी घोषित कर चुका है. मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है. मक्की (74) लश्कर-ए-तैयबा में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता रहा है, जिसे अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) घोषित कर चुका है. भारत और अमेरिका, दोनों ने मक्की को अपने-अपने देश के कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर रखा है.

भारत और अमेरिका ने एक जून को मक्की को संयुक्त राष्ट्र परिषद की अलकायदा एवं आईएसआईएल प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का संयुक्त रूप से प्रस्ताव किया था. इसे यूएनएसी 1267 समिति के तौर पर भी जाना जाता है. लेकिन, पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर एक तकनीकी रोक लगा दी और यह उपाय एक बार में छह महीने की अवधि तक काम करेगा.

नई दिल्ली में, सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीन का यह फैसला आतंकवाद का मुकाबला करने के उसके दावे के विपरीत है और उसके 'दोहरे मापदंड' का संकेत देता है. उन्होंने कहा कि मक्की, भारत, खासकर जम्मू-कश्मीर, में हिंसा और हमलों को अंजाम देने के लिए योजना बनाने, धन जुटाने, गुर्गों की भर्ती करने और युवकों को कट्टरपंथी बनाने जैसे कृत्य में संलिप्त रहा है. सूत्रों ने कहा कि ऐसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधों से बचाना न केवल चीन की साख को कमजोर करेगा, बल्कि आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बीच उसे भी इस 'जोखिम' का सामना करना पड़ेगा.

बीजिंग में, चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को रोकने के अपने कदम का बचाव किया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि चीन आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करता है और यूएनएससी में 1267 समिति में हमारे द्वारा की जाने वाली कार्रवाई ने हमेशा ही संबद्ध प्रक्रिया एवं नियमों का पालन किया है.' उन्होंने कहा, चीन एक रचनात्मक और जिम्मेदाराना रवैये के साथ अपना कार्य जारी रखेगा.

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हालांकि, उन्होंने विशेष रूप से प्रक्रिया और नियमों के बारे में विस्तार से बताने के लिए आग्रह करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं चीन का रुख पहले ही स्पष्ट रूप से साझा कर चुका हूं. मैं उससे पीछे नहीं हटूंगा.' यह पूछे जाने पर कि क्या मक्की पर चीन के इस कदम से भारत और उसके (चीन के) बीच मतभेद पैदा होगा, वेनबिन ने कहा, 'मैं चीन का रुख पहले ही बता चका हूं और जहां तक चीन-भारत संबध की बात है, हमारा रुख स्पष्ट और पहले जैसा है.' उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि भारत और चीन साथ मिल कर काम कर सकते हैं और संबंधों को अधिक मजबूत तथा स्थिर बना सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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