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चीन का दावा, भारत की वजह से एलएसी पर बढ़ा तनाव

भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव जारी है. हालांकि, दोनों देशों के बीच 15 दौर की वार्ता हो चुकी है. इस बाबत जब चीन के रक्षा मंत्री से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि भारत ने 25 साल पहले हुए समझौते का उल्लंघन किया, इस वजह से एलएसी पर तनाव बढ़ा. उन्होंने अमेरिका को लेकर भी बड़ी बातें की. रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिका हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.

xi Xinping china president
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
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Published : Jun 12, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Jun 12, 2022, 6:21 PM IST

सिंगापुर : चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे ने कहा कि चीन एवं भारत पड़ोसी हैं और आपस में अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है तथा दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. यहां शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करते हुए वेई ने दक्षिण चीन सागर सहित क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का भी आह्वान किया.

उन्होंने कहा, 'चीन और भारत पड़ोसी हैं तथा (आपस में) अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है. और यही वजह है कि हम इसी पर काम कर रहे हैं.' भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संघर्ष के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हमने भारतीयों के साथ कमांडर स्तर पर 15 दौर की बातचीत की है और हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.'

वेई अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में द इंडिया प्रोजेक्ट की निदेशक डॉ तन्वी मदान के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. मदान ने मंत्री से ये बताने के लिए कहा था कि दो साल पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत के साथ एलएसी पर कई बिंदुओं पर यथास्थिति बदलने के लिए एकतरफा कदम क्यों उठाया था, जिसके कारण 45 वर्षों में पहली बार सैन्य संघर्ष शुरू हुआ. मदान के अनुसार ये कदम उन समझौतों के उल्लंघन थे जिन्हें भारत एवं चीन ने 25 सालों में बहुत सावधानीपूर्वक बातचीत के जरिए हासिल किये थे.

भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच मई 2020 से तनावपूर्ण सीमाई गतिरोध है, जब पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई थी. चीन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों तथा सड़कों और आवासीय इकाइयों जैसे अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण भी कर रहा है. लद्दाख गतिरोध का हल करने के लिए भारत और चीन ने अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता की है. वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट एवं गोगरा क्षेत्र से अपनी सेनाएं पीछे बुला ली थीं.

आंतरिक मामलों में अमेरिका हस्तक्षेप कर रहा- चीन के रक्षा मंत्री ने शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चीन का मानना ​​है कि चीन -अमेरिका संबंध न केवल इन दोनों देशों बल्कि बाकी दुनिया के हितों की पूर्ति करता है.’’ उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच सहयोग वैश्विक शांति और विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जनरल वेई फेंग ने कहा, ‘‘टकराव से न तो हम दोनों देशों और न ही अन्य देशों को फायदा होगा. चीन द्विपक्षीय संबंधों को परिभाषित करने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना का इस्तेमाल करने का विरोध करता है.’’

उन्होंने कहा कि चीन को एक खतरे के तौर पर देखने और दुश्मन मानने की जिद एक ऐतिहासिक और रणनीतिक भूल होगी. जनरल वेई फेंग ने अमेरिकी पक्ष से कहा कि वह चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दे और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाना भी बंद करें. उन्होंने कहा, “जब तक अमेरिकी पक्ष ऐसा नहीं करता तब तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध नहीं सुधर सकते.“

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को चीन पर स्वशासन वाले द्वीप ताइवान पर अपने दावे और उस क्षेत्र में ‘‘अपनी अस्थिरकारी सैन्य गतिविधियों’ से अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि 1949 में गृहयुद्ध के दौरान ताइवान और चीन अलग हो गए थे. लेकिन, चीन स्व-शासित द्वीप को अपना एक हिस्सा मानता है और वह इसे बलपूर्वक भी मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ना चाहता है. चीन अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार बेचे जाने का लगातार विरोध करता है.

ये भी पढ़ें : चीन ने अमेरिका पर एशिया में समर्थन 'हाईजैक' करने के प्रयास का आरोप लगाया

सिंगापुर : चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे ने कहा कि चीन एवं भारत पड़ोसी हैं और आपस में अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है तथा दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. यहां शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करते हुए वेई ने दक्षिण चीन सागर सहित क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का भी आह्वान किया.

उन्होंने कहा, 'चीन और भारत पड़ोसी हैं तथा (आपस में) अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है. और यही वजह है कि हम इसी पर काम कर रहे हैं.' भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संघर्ष के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हमने भारतीयों के साथ कमांडर स्तर पर 15 दौर की बातचीत की है और हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.'

वेई अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में द इंडिया प्रोजेक्ट की निदेशक डॉ तन्वी मदान के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. मदान ने मंत्री से ये बताने के लिए कहा था कि दो साल पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत के साथ एलएसी पर कई बिंदुओं पर यथास्थिति बदलने के लिए एकतरफा कदम क्यों उठाया था, जिसके कारण 45 वर्षों में पहली बार सैन्य संघर्ष शुरू हुआ. मदान के अनुसार ये कदम उन समझौतों के उल्लंघन थे जिन्हें भारत एवं चीन ने 25 सालों में बहुत सावधानीपूर्वक बातचीत के जरिए हासिल किये थे.

भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच मई 2020 से तनावपूर्ण सीमाई गतिरोध है, जब पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई थी. चीन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों तथा सड़कों और आवासीय इकाइयों जैसे अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण भी कर रहा है. लद्दाख गतिरोध का हल करने के लिए भारत और चीन ने अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता की है. वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट एवं गोगरा क्षेत्र से अपनी सेनाएं पीछे बुला ली थीं.

आंतरिक मामलों में अमेरिका हस्तक्षेप कर रहा- चीन के रक्षा मंत्री ने शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चीन का मानना ​​है कि चीन -अमेरिका संबंध न केवल इन दोनों देशों बल्कि बाकी दुनिया के हितों की पूर्ति करता है.’’ उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच सहयोग वैश्विक शांति और विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जनरल वेई फेंग ने कहा, ‘‘टकराव से न तो हम दोनों देशों और न ही अन्य देशों को फायदा होगा. चीन द्विपक्षीय संबंधों को परिभाषित करने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना का इस्तेमाल करने का विरोध करता है.’’

उन्होंने कहा कि चीन को एक खतरे के तौर पर देखने और दुश्मन मानने की जिद एक ऐतिहासिक और रणनीतिक भूल होगी. जनरल वेई फेंग ने अमेरिकी पक्ष से कहा कि वह चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दे और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाना भी बंद करें. उन्होंने कहा, “जब तक अमेरिकी पक्ष ऐसा नहीं करता तब तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध नहीं सुधर सकते.“

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को चीन पर स्वशासन वाले द्वीप ताइवान पर अपने दावे और उस क्षेत्र में ‘‘अपनी अस्थिरकारी सैन्य गतिविधियों’ से अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि 1949 में गृहयुद्ध के दौरान ताइवान और चीन अलग हो गए थे. लेकिन, चीन स्व-शासित द्वीप को अपना एक हिस्सा मानता है और वह इसे बलपूर्वक भी मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ना चाहता है. चीन अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार बेचे जाने का लगातार विरोध करता है.

ये भी पढ़ें : चीन ने अमेरिका पर एशिया में समर्थन 'हाईजैक' करने के प्रयास का आरोप लगाया

Last Updated : Jun 12, 2022, 6:21 PM IST
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