वाशिंगटन: कनाडा में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले की जांच जारी है. (आरसीएमपी) रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने यह जानकारी दी है. (केटीएफ) प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आपको बता दें भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. निज्जर की हत्या की जांच आरसीएमपी की (आईएचआईटी) कर रहा है.
आईएचआईटी के प्रवक्ता ने कहा है कि हम हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ी हुई खबरों से अवगत हैं. मामले की जांच जारी है, इसलिए मैं आईएचआईटी की ओर से इकट्ठा किए गए सबूतों पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.' इस बीच ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब ने इस बात की जांच शुरु कर दी है कि अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने निज्जर की हत्या से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को कैसे हासिल किया.
बता दें गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब में निज्जर की हत्या हुई थी, गुरुद्वारा के प्रवक्ता गुरकीरत सिंह ने कहा कि हमें बताया गया है कि यह वीडियो मीडिया और जनता के लिए नहीं जारी किया गया है, क्योंकि अभी फिलहाल मामले की जांच सक्रिय रुप से चल रही है. अभी इस वीडियो को किसी को नहीं दिया जाएगा. प्रवक्ता गुरकीरत सिंह ने कहा कि "उन्होंने हत्या से जुड़ा वीडियो कई बार देखा है, इस हत्याकांड को सोच समझकर अंजाम दिया गया था. हत्या करने के मकसद से आरोपी कुछ समय से निज्जर की गतिविधियों पर नजर रखे हुआ था कि वे कहां जाता है और गुरुद्वारे से कब बाहर निकलता है".
निज्जर के बेटे बलराज ने स्थानीय अखबार को बताया कि उनके पिता की कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक या दो बार नियमित रूप से बैठकें होती थीं, जिसमें 18 जून को हत्या से एक या दो दिन पहले हुई बैठक में भी मेरे पिता शामिल हुए और दो दिन बाद उनके बीच एक और बैठक होनी थी".
वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो ने आरोप लगाया कि 18 जून को निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंट का हाथ था. हालांकि भारत ने इन आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है.