न्यूयॉर्क : भारत पर बयान देकर विवादों में फंसे कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अब रूस पर हमला बोला है. उन्होंने बुधवार को रूस पर ऊर्जा और भोजन को हथियार बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दुनिया के देशों को यूक्रेन का समर्थन करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी देशों को मिलकर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर ध्यान केंद्रीत करना चाहिए.
यूक्रेन का समर्थन चुनाव का विषय नहीं : ट्रूडो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में यूक्रेन पर बोल रहे थे. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि रूस ऊर्जा और भोजन को हथियार बना रहा है. उसकी वजह से लाखों लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कनाडा सबसे कमजोर लोगों के पक्ष में खड़ा है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव विषय नहीं है कि हम युक्रेन का समर्थन करें या एसडीजी और वैश्विक विकास को चुने.
यूक्रेन से अपनी सेना का वापस बुलाये रूस : उन्होंने कहा कि इस समय हमारे पास एक ही विकल्प है और वह है दोनों को एक साथ साधना. जो हम एकजुटता और वित्तीय प्रतिबद्धता के साथ कर रहे हैं. यूएनएससी) की बैठक ट्रूडो ने रूस एक आह्वान भी किया. उन्होंने रूस से कहा कि उसे यूक्रेन से अपनी सेना को तुंरत वापस बुला लेना चाहिए. उन्होंने कहा यूएनएससी के कानून यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित करते हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेनी 'शांति सूत्र' के प्रमुख सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित हैं जिसका पालन रूस को करना चाहिए.
यह हमला सिर्फ यूक्रेन पर नहीं, बल्कि हमारा साझा संघर्ष : ट्रूडो ने यूक्रेन की लड़ाई को यूएनएससी के सदस्य देशों की साझा लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि रूस ने सिर्फ यूक्रेन पर ही हमला नहीं किया है. यह हमारा साझा संघर्ष है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा, कनाडा रूस से पूरी तरह से, तुरंत, बिना किसी शर्त के सैनिकों को वापस बुलाने का आह्वान करता है.
यूक्रेन में हो ऐसी शांति : उन्होंने कहा कि यूक्रेन में शांति होनी चाहिए. ऐसी शांति जो कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करती हो. जो अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित हो और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित करती हो. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में एक ऐसी शांति होनी चाहिए जो हमारी मानवता और उसके मूल्यों के अनुरूप हो. वहां ऐसी शांति नहीं होनी चाहिए जो आंखें मूंद लेने से आती है. उन्होंने कहा कि वहां ऐसी शांति होनी चाहिए जो तथ्यों और नियमों के प्रति सम्मान पर आधारित हो.
युद्ध में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार रूस : उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि पुतिन ने यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता पर हमला किया है. रूस-यूक्रेन युद्ध में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि रूस ने अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल करके युद्ध को सुविधाजनक बना लिया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना दुनिया को युद्ध के संकट से बचाने के लिए हुई थी. उन्होंने कहा कि यह 100 प्रतिशत स्पष्ट है कि लोग युद्ध में फंसे हुए हैं.
यूक्रेन में लोग यौन हिंसा और अकाल मौतों के शिकार : सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा कि रूस ने अवैध युद्ध शुरू किया और वह अबतक इसे जारी रखे हुए है. उन्होंने कहा कि इस युद्ध के कारण के यूक्रेन के लोग अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपने करतूत को सही बताने के लिए रूस अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है. यह संयुक्त राष्ट्र का अपमान है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में आम नागरिकों के साथ यौन हिंसा हो रही है वे अकाल मौतों के शिकार हो रहे हैं.
हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे रोकें. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया नहीं बना सकते हैं जिसमें ताकत ही 'सही होने' का पैमाना बन जाये. उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीमाएं कुछ मायने रखती हैं, भले ही पड़ोसी के पास बड़ी सेना हो.