नई दिल्ली: गाजा की स्थिति पर ब्रिक्स देशों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि 'फ़िलिस्तीनी लोगों की चिंताओं को गंभीरता से और स्थायी रूप से संबोधित किया जाना चाहिए और यह केवल दो-राज्य समाधान के साथ ही हो सकता है जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर आधारित है.
गाजा की स्थिति पर ब्रिक्स देशों द्वारा बुलाई गई असाधारण बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि 'वर्षों से, भारत ने फिलिस्तीनी लोगों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण और राष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत करने का समर्थन किया है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत द्विपक्षीय और संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से सहायता करना जारी रखता है.
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Representing PM @narendramodi at the extraordinary joint meeting of BRICS. https://t.co/JV6CReUhug
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उन्होंने कहा कि 'फिलिस्तीन को हमारी आर्थिक सहायता, वहां विकास परियोजना और फिलिस्तीनी प्राधिकरण को वित्तीय सहायता उस स्थिति को दर्शाती है.' गाजा की स्थिति को देखते हुए, भारत ने 16.5 टन दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति सहित 72 टन मानवीय सहायता भेजी है. उन्होंने यह भी कहा कि 'सभी बंधकों को रिहा कर दिया गया है और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून का पालन करना एक दायित्व है.'
भारत ने नागरिकों की मौत की निंदा भी की. जयशंकर ने कहा कि 'संयम और तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता के साथ-साथ भारत शांतिपूर्ण बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान पर भी जोर देता है.' इस बीच, पश्चिम एशिया स्थितियों पर ब्रिक्स आभासी शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कहा कि इज़राइल की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर और जिनेवा, स्विटजरलैंड कन्वेंशन के साथ-साथ इसके प्रोटोकॉल भी शामिल हैं.