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IDBI बैंक के निजीकरण के लिए मार्च तक आमंत्रित की जा सकती हैं बोलियां

केंद्र सरकार व LIC आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचकर निजीकरण करने जा रही है. निजीकरण के लिए बोलियां मार्च तक (IDBI Bank bids by march) आमंत्रित की जा सकती हैं. सरकार बैंक में अपनी 30.48 प्रतिशत और एलआईसी 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.

IDBI Bank bids by march
आईडीबीआई बैंक
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Published : Oct 10, 2022, 7:04 PM IST

नई दिल्लीः आईडीबीआई बैंक (IDBI) के निजीकरण के लिए बोलियां मार्च तक आमंत्रित किए जाने की संभावना है. वहीं बिक्री प्रक्रिया का समापन अगले वित्त वर्ष में हो सकता है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सरकार ने आईडीबीआई बैंक में कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर बैंक का निजीकरण करने के लिए पिछले सप्ताह संभावित निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं. इसके लिए बोलियां या रुचि पत्र (ईओआई) जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर, 2022 तय की गई है.

ईओआई और इच्छुक आवेदनकर्ताओं के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 'उचित एवं उपयुक्त' मूल्यांकन की मंजूरी मिलने और गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद योग्य बोलीदाताओं को 'डेटा रूम' तक पहुंच प्रदान की जायेगी. अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर प्रक्रिया पूरी होने और वित्तीय बोलियां प्राप्त करने में लगभग छह महीने लगते हैं. हम मार्च तक आईडीबीआई बैंक के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की उम्मीद हैं.

यह देखते हुए कि बैंक में रणनीतिक बिक्री का यह पहला मामला होगा, इसलिए प्रक्रिया के दौरान बहुत सारे सवाल उठने की भी आशंका है. अधिकारियों के अनुसार, आईडीबीआई बैंक की रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया सितंबर तक समाप्त होने की संभावना है. संभावित निवेशक के पास आवेदन करने के लिए न्यूनतम 22 हजाक 500 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए. साथ ही बोली लगाने के लिए पात्र होने को लेकर पिछले पांच में से तीन साल में कंपनी का शुद्ध लाभ में होना जरूरी है.

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास वर्तमान में आईडीबीआई बैंक में 529.41 करोड़ शेयरों के साथ 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि केंद्र सरकार के पास 488.99 करोड़ शेयरों के साथ 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं, हिस्सेदारी बिक्री के बाद बैंक में एलआईसी और सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी 94.72 प्रतिशत से घटकर 34 प्रतिशत रह जाएगी. सरकार बैंक में अपनी 30.48 प्रतिशत और एलआईसी 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.

इसे भी पढ़ें- सोना 543 रुपये फिसला, चांदी में 2,121 रुपये की बड़ी गिरावट

दोनों की हिस्सेदारी मिलाकर आईडीबीआई बैंक की इक्विटी शेयर पूंजी का 60.72 प्रतिशत है. एलआईसी द्वारा बैंक की कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 51 प्रतिशत प्राप्त करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 जनवरी, 2019 से आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक के रूप में वर्गीकृत कर दिया था. गौरतलब है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में विनिवेश से 65 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 24 हजार 544 करोड़ रुपये पहले ही जुटा चुकी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्लीः आईडीबीआई बैंक (IDBI) के निजीकरण के लिए बोलियां मार्च तक आमंत्रित किए जाने की संभावना है. वहीं बिक्री प्रक्रिया का समापन अगले वित्त वर्ष में हो सकता है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सरकार ने आईडीबीआई बैंक में कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर बैंक का निजीकरण करने के लिए पिछले सप्ताह संभावित निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं. इसके लिए बोलियां या रुचि पत्र (ईओआई) जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर, 2022 तय की गई है.

ईओआई और इच्छुक आवेदनकर्ताओं के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 'उचित एवं उपयुक्त' मूल्यांकन की मंजूरी मिलने और गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद योग्य बोलीदाताओं को 'डेटा रूम' तक पहुंच प्रदान की जायेगी. अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर प्रक्रिया पूरी होने और वित्तीय बोलियां प्राप्त करने में लगभग छह महीने लगते हैं. हम मार्च तक आईडीबीआई बैंक के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की उम्मीद हैं.

यह देखते हुए कि बैंक में रणनीतिक बिक्री का यह पहला मामला होगा, इसलिए प्रक्रिया के दौरान बहुत सारे सवाल उठने की भी आशंका है. अधिकारियों के अनुसार, आईडीबीआई बैंक की रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया सितंबर तक समाप्त होने की संभावना है. संभावित निवेशक के पास आवेदन करने के लिए न्यूनतम 22 हजाक 500 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए. साथ ही बोली लगाने के लिए पात्र होने को लेकर पिछले पांच में से तीन साल में कंपनी का शुद्ध लाभ में होना जरूरी है.

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास वर्तमान में आईडीबीआई बैंक में 529.41 करोड़ शेयरों के साथ 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि केंद्र सरकार के पास 488.99 करोड़ शेयरों के साथ 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं, हिस्सेदारी बिक्री के बाद बैंक में एलआईसी और सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी 94.72 प्रतिशत से घटकर 34 प्रतिशत रह जाएगी. सरकार बैंक में अपनी 30.48 प्रतिशत और एलआईसी 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.

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दोनों की हिस्सेदारी मिलाकर आईडीबीआई बैंक की इक्विटी शेयर पूंजी का 60.72 प्रतिशत है. एलआईसी द्वारा बैंक की कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 51 प्रतिशत प्राप्त करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 जनवरी, 2019 से आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक के रूप में वर्गीकृत कर दिया था. गौरतलब है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में विनिवेश से 65 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 24 हजार 544 करोड़ रुपये पहले ही जुटा चुकी है.

(पीटीआई-भाषा)

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