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बाइडेन ने ट्रंप का फैसला पलटा : F-16 के मेंटेनेंस के लिए PAK को मदद, भारत की बढ़ी टेंशन

अमेरिका ने पाकिस्तान को पिछले चार वर्षों में सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता को मंजूरी दी है. अमेरिका ने एफ -16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डालर की मदद को मंजूरी दी है. इस फैसले को लेकर पाकिस्तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने चिंता जताई है.

Biden administration approves F-16 fleet sustainment programme to Pakistan
एफ -16 लड़ाकू विमानों
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Published : Sep 8, 2022, 3:19 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 5:25 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए (Biden administration reverses Trumps decision) पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है. पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद इसलिए दी जा रही है ताकि वह वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपट सके. पिछले चार वर्षों में इस्लामाबाद को दी जा रही यह सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता है. वहीं, इस फैसले से भारत की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है.

  • Supply of $450 million equipment for F-16 fighters, to Pakistan from US, is matter of concern. Those aircraft have advanced radar & missile capabilities. This is very clearly designed to give Pakistan an edge on fighting capabilities: Former Indian High Commissioner to Pakistan pic.twitter.com/W7dKPZhwPo

    — ANI (@ANI) September 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने 2018 में आतंकवादी सगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर उसे दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता निलंबित कर दी थी.

अमेरिकी संसद को दी एक अधिसूचना में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) को मंजूरी देने का निर्णय लिया है. मंत्रालय ने दलील दी कि इससे इस्लामाबाद को वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिलेगी.

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिकी सरकार ने कांग्रेस को प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री की सूचना दी है ताकि पाकिस्तान की वायु सेना के एफ-16 कार्यक्रम को बनाए रखा जा सके. पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण आतंकवादी रोधी सहयोगी है.'

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान वृहद द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है. इससे पाकिस्तान अपने एफ-16 बेड़े को बनाए रखते हुए वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपटने में सक्षम होगा. एफ-16 बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान में सहयोग मिलेगा और हम पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं.'

पढ़ें- अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता को संबोधित करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बने वेदांत पटेल

अमेरिका के इस फैसले को लेकर पाकिस्तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने कहा कि अमेरिका से पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए 45 करोड़ डॉलर के उपकरणों की आपूर्ति चिंता का विषय है. उन विमानों में उन्नत रडार और मिसाइल क्षमताएं हैं. यह बहुत स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को लड़ने की क्षमताओं में बढ़त देने के लिए बनाया गया है.

जी पार्थसारथी ने कहा कि 'हमें इस मुद्दे को चिंता के साथ उठाना चाहिए. संयुक्त राज्य अमेरिका को न केवल राजनीतिक बल्कि कार्रवाई या उनकी चिंता के मुद्दों के संदर्भ में भेजा जाना चाहिए क्योंकि यह ऐसी चीज है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते.

(एजेंसियां)

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए (Biden administration reverses Trumps decision) पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है. पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद इसलिए दी जा रही है ताकि वह वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपट सके. पिछले चार वर्षों में इस्लामाबाद को दी जा रही यह सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता है. वहीं, इस फैसले से भारत की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है.

  • Supply of $450 million equipment for F-16 fighters, to Pakistan from US, is matter of concern. Those aircraft have advanced radar & missile capabilities. This is very clearly designed to give Pakistan an edge on fighting capabilities: Former Indian High Commissioner to Pakistan pic.twitter.com/W7dKPZhwPo

    — ANI (@ANI) September 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने 2018 में आतंकवादी सगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर उसे दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता निलंबित कर दी थी.

अमेरिकी संसद को दी एक अधिसूचना में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) को मंजूरी देने का निर्णय लिया है. मंत्रालय ने दलील दी कि इससे इस्लामाबाद को वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिलेगी.

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिकी सरकार ने कांग्रेस को प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री की सूचना दी है ताकि पाकिस्तान की वायु सेना के एफ-16 कार्यक्रम को बनाए रखा जा सके. पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण आतंकवादी रोधी सहयोगी है.'

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान वृहद द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है. इससे पाकिस्तान अपने एफ-16 बेड़े को बनाए रखते हुए वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपटने में सक्षम होगा. एफ-16 बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान में सहयोग मिलेगा और हम पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं.'

पढ़ें- अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता को संबोधित करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बने वेदांत पटेल

अमेरिका के इस फैसले को लेकर पाकिस्तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने कहा कि अमेरिका से पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए 45 करोड़ डॉलर के उपकरणों की आपूर्ति चिंता का विषय है. उन विमानों में उन्नत रडार और मिसाइल क्षमताएं हैं. यह बहुत स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को लड़ने की क्षमताओं में बढ़त देने के लिए बनाया गया है.

जी पार्थसारथी ने कहा कि 'हमें इस मुद्दे को चिंता के साथ उठाना चाहिए. संयुक्त राज्य अमेरिका को न केवल राजनीतिक बल्कि कार्रवाई या उनकी चिंता के मुद्दों के संदर्भ में भेजा जाना चाहिए क्योंकि यह ऐसी चीज है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते.

(एजेंसियां)

Last Updated : Sep 8, 2022, 5:25 PM IST

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