नई दिल्ली: ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने गुरुवार को कहा कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने एक ट्वीट में कहा, "हमने विक्रम दोरईस्वामी और भारत सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि उच्चायोग में कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है." उनका यह बयान लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर 8 जुलाई को खालिस्तान "किल इंडिया" रैली का प्रचार करने वाला एक पोस्टर ट्विटर पर सामने आने के बाद आया है. पोस्टर में यूके में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम के नाम थे.
खालिस्तान रैलियों को बढ़ावा देने वाले भारतीय राजनयिकों के नाम वाले ऐसे ही पोस्टर कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मिशनों के बाहर देखे गए. इस बीच, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को स्थानीय मीडिया के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि वे (भारत सरकार) गलत हैं। कनाडा ने हमेशा हिंसा और हिंसा की धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है. हमने आतंकवाद के खिलाफ हमेशा गंभीर कार्रवाई की है और हम हमेशा करेंगे.'
पिछले हफ्ते विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे साझेदार देशों को खालिस्तानियों को जगह न देने की चेतावनी दी थी. उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब यह बात सामने आई कि कनाडा में खालिस्तानी धमकी वाले पोस्टरों में भारतीय राजनयिकों के नाम हैं. जयशंकर ने कहा कि भारत ने खालिस्तानी पोस्टरों में भारतीय राजनयिक की तस्वीरों का मुद्दा कनाडाई अधिकारियों के समक्ष उठाया था.
उन्होंने कहा कि हमने कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे अपने सहयोगी देशों से, जहां कभी-कभी खालिस्तानी गतिविधियां होती हैं, खालिस्तानियों को जगह न देने का अनुरोध किया है. क्योंकि वे (खालिस्तानी) कट्टरपंथी हैं, अतिवादी सोच न तो हमारे लिए अच्छी है, न उनके लिए और न ही हमारे संबंधों के लिए. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार पहले से ही कनाडा जैसे साझेदार देशों के संपर्क में है और उनसे खालिस्तानी समूहों को जगह नहीं देने का अनुरोध किया है.
(एएनआई)
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