काठमांडू : नेपाल विनाशकारी भूकंप से उबरा भी नहीं था कि दूसरी बार धरती कांप उठी. रविवार तड़के एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि इसकी तीव्रता कम थी. इस भूकंप के कारण जान माल के नुकसान की खबर नहीं है. हालांकि, शुक्रवार रात को आए भूकंप की त्रासदी नेपाल अभी भी झेल रहा है. इस भूकंप में 157 से अधिक लोगों की मौत हो गई है.
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An Earthquake of Magnitude 3.6 strikes 169km NW of Kathmandu, Nepal: National Center for Seismology pic.twitter.com/fGhY5RvCdC
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— ANI (@ANI) November 4, 2023An Earthquake of Magnitude 3.6 strikes 169km NW of Kathmandu, Nepal: National Center for Seismology pic.twitter.com/fGhY5RvCdC
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नेपाल में आज तड़के 3.6 तीव्रता वाले एक और भूकंप ने हिमालयी राष्ट्र को हिलाकर रख दिया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप सुबह 04:38 बजे आया. इसका केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 169 किमी उत्तर-पश्चिम में जमीन से 10 किमी की गहराई में था. इससे पहले 6.4 तीव्रता का तेज भूकंप आया था. इसके बाद शनिवार दोपहर को 3.3 तीव्रता के अतिरिक्त झटके आए, जिससे प्रभावित आबादी के सामने आने वाली चुनौतियां और बढ़ गईं.
इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने व्यापक क्षति को स्वीकार करते हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का आकलन किया. सरकार ने हेलीकॉप्टरों के माध्यम से बचाव अभियान चलाने के लिए नेपाल सेना, नेपाली प्रहरी और सशस्त्र पुलिस बल को तैनात किया है. नेपाल के पीएम ने कहा,'स्वास्थ्य कर्मियों को भी तैनात किया जा रहा है. ये आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति से लैस हैं. भूकंप प्रभावित इलाके में काफी नुकसान हुआ है. सैकड़ों लोग घायल हैं. हजारों घर नष्ट हो गए हैं और सरकार राहत कार्य में लगी हुई है.'
उन्होंने कहा,'हमने नेपाली सेना, नेपाली प्रहरी को तैनात किया है. सशस्त्र पुलिस बल को सभी घायलों को हेलीकॉप्टर के जरिए बचाव के लिए अस्पतालों तक ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है.' भारत ने इस चुनौतीपूर्ण समय सहयोग किया. भारत ने नेपाल में तत्काल सहायता की आवश्यकता वाले भारतीयों के लिए एक आपातकालीन संपर्क नंबर जारी किया.
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नेपाल में हाल ही में आए भूकंप के कारण सहायता की आवश्यकता वाले भारतीयों के लिए अलर्ट आपातकालीन संपर्क नंबर जारी किए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेपाल में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि और व्यापक क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी ने नेपाल को समर्थन की पेशकश की और हर संभव सहायता देने की भारत की इच्छा व्यक्त की. भूकंप का असर सिर्फ नेपाल तक ही सीमित नहीं रहा है. दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए.