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दुनियाभर में विस्थापितों की संख्या 8.4 करोड़ से ज्यादा होने की संभावना : संयुक्त राष्ट्र

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Published : Nov 11, 2021, 8:16 PM IST

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि दुनियाभर में अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए लोगों की संख्या इस साल की पहली छमाही में बढ़कर 8.4 करोड़ से ज्यादा हो सकती है.

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बर्लिन : संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनियाभर में अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए लोगों की संख्या इस साल की पहली छमाही में बढ़कर 8.4 करोड़ से ज्यादा हो सकती है और यह खासतौर पर अफ्रीका में संघर्षों के कारण अधिक बढ़ी.

संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त ने कहा कि विस्थापित लोगों की संख्या 2020 के अंत तक 8.24 करोड़ से अधिक हो गई थी. इनमें से अधिकतर अपने ही देश में विस्थापित हैं.

एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रेंडी ने एक बयान में कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय हिंसा, उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन नहीं रोक पा रहा, जिसके कारण लोग लगातार अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव उन इलाकों में संवेदनशीलताओं को और भी गहरा कर रहे हैं जहां पर ये (जबरन विस्थापित हुए लोग) जा रहे हैं.

पढ़ें :- अफगानिस्तान में संघर्ष भयावह, करीब चार लाख लोग हुए विस्थापित : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचआरसी) की एक रिपोर्ट में पाया गया कि जिन लोगों को उसने शरणार्थी की श्रेणी में रखा, एक छमाही में उनकी संख्या 2.08 करोड़ रही जो बीते पूरे साल के आंकड़े से 1,72,000 अधिक है. शरण की मांग करने वाले लोगों की संख्या 44 लाख है.

इसमें बताया गया कि कुल 11 लाख लोग पहली छमाही में अपने-अपने इलाकों में लौट गए. रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी से जून के बीच उन 33 देशों में 43 लाख से अधिक नए लोगों का आंतरिक रूप से विस्थापन हुआ जहां पर उसके द्वारा विस्थापन पर नजर रखी जाती है.

(पीटीआई-भाषा)

बर्लिन : संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनियाभर में अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए लोगों की संख्या इस साल की पहली छमाही में बढ़कर 8.4 करोड़ से ज्यादा हो सकती है और यह खासतौर पर अफ्रीका में संघर्षों के कारण अधिक बढ़ी.

संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त ने कहा कि विस्थापित लोगों की संख्या 2020 के अंत तक 8.24 करोड़ से अधिक हो गई थी. इनमें से अधिकतर अपने ही देश में विस्थापित हैं.

एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रेंडी ने एक बयान में कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय हिंसा, उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन नहीं रोक पा रहा, जिसके कारण लोग लगातार अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव उन इलाकों में संवेदनशीलताओं को और भी गहरा कर रहे हैं जहां पर ये (जबरन विस्थापित हुए लोग) जा रहे हैं.

पढ़ें :- अफगानिस्तान में संघर्ष भयावह, करीब चार लाख लोग हुए विस्थापित : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचआरसी) की एक रिपोर्ट में पाया गया कि जिन लोगों को उसने शरणार्थी की श्रेणी में रखा, एक छमाही में उनकी संख्या 2.08 करोड़ रही जो बीते पूरे साल के आंकड़े से 1,72,000 अधिक है. शरण की मांग करने वाले लोगों की संख्या 44 लाख है.

इसमें बताया गया कि कुल 11 लाख लोग पहली छमाही में अपने-अपने इलाकों में लौट गए. रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी से जून के बीच उन 33 देशों में 43 लाख से अधिक नए लोगों का आंतरिक रूप से विस्थापन हुआ जहां पर उसके द्वारा विस्थापन पर नजर रखी जाती है.

(पीटीआई-भाषा)

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