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विकीलीक्स के संस्थापक जूलिएन असांजे को मिली सजा - इक्वाडोर

ब्रिटेन में बेल तोड़ने पर विकीलिक्‍स के संस्‍थापक जूलि‍यन असांजे को 50 हफ्तों की सजा सुनाई गई. जानें पूरा मामला

जूलि‍यन असांजे
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Published : May 1, 2019, 5:15 PM IST

Updated : May 1, 2019, 5:41 PM IST

लंदन : यूके कोर्ट ने विकीलीक्स फाउंडर जूलियन असांजे को 50 हफ्ते की जेल की सजा सुनाई है. ये सजा बेल की शर्तों के उल्लंघन के मामले में सुनाई गई.

2010 में स्वीडन की दो महिलाओं ने असांजे पर रेप और यौन शोषण के आरोप लगाए और उनके खिलाफ स्वीडन ने अरेस्ट वारंट जारी कर दिया. असांजे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

बता दें कि 47 साल के असांजे पर स्वीडन में यौन हमले का आरोप लगा था. इस मामले में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 29 जून, 2012 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने को कहा था, लेकिन असांजे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए एक्वाडोर के दूतावास में शरण ले ली थी.

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ANI का ट्वीट.

पढ़ेंः इक्वाडोर ने जारी किये पूर्व विदेश मंत्री की गिरफ्तारी के आदेश

स्वीडन ने असांजे पर से सेक्स अपराध से जुड़े मामले को हटा दिया था. बावजूद इसके असांजे दूतावास में ही बने रहे, क्योंकि जमानत खत्म होने पर लंदन में उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी रही थी. बीते साल 12 दिसंबर से उन्हें इक्वाडोर की नागरिकता मिल गई थी.

लंदन : यूके कोर्ट ने विकीलीक्स फाउंडर जूलियन असांजे को 50 हफ्ते की जेल की सजा सुनाई है. ये सजा बेल की शर्तों के उल्लंघन के मामले में सुनाई गई.

2010 में स्वीडन की दो महिलाओं ने असांजे पर रेप और यौन शोषण के आरोप लगाए और उनके खिलाफ स्वीडन ने अरेस्ट वारंट जारी कर दिया. असांजे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

बता दें कि 47 साल के असांजे पर स्वीडन में यौन हमले का आरोप लगा था. इस मामले में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 29 जून, 2012 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने को कहा था, लेकिन असांजे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए एक्वाडोर के दूतावास में शरण ले ली थी.

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ANI का ट्वीट.

पढ़ेंः इक्वाडोर ने जारी किये पूर्व विदेश मंत्री की गिरफ्तारी के आदेश

स्वीडन ने असांजे पर से सेक्स अपराध से जुड़े मामले को हटा दिया था. बावजूद इसके असांजे दूतावास में ही बने रहे, क्योंकि जमानत खत्म होने पर लंदन में उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी रही थी. बीते साल 12 दिसंबर से उन्हें इक्वाडोर की नागरिकता मिल गई थी.

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Last Updated : May 1, 2019, 5:41 PM IST
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