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वेल्स की स्लेट खदानों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया - वेल्स की स्लेट खदान वैश्विक धरोहर

ब्रिटेन के उत्तर पश्चिम वेल्स का इलाका स्लेट (परतदार पत्थर) की खदानों के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है. बुधवार को यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्रदान कर दिया, जिससे यह आगरा में स्थित ताजमहल जैसे धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हो गया है.

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Published : Jul 29, 2021, 4:09 AM IST

लंदन : ब्रिटेन के उत्तर पश्चिम वेल्स का इलाका स्लेट (परतदार पत्थर) की खदानों के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है. बुधवार को यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्रदान कर दिया, जिससे यह आगरा में स्थित ताजमहल जैसे धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हो गया है.

ब्रिटेन इस कोशिश में था कि इन खूबसूरत खदानों को प्रतिष्ठित सूची में शामिल कराया जाए और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसका समर्थन किया था. विश्व धरोहर समिति ने इसे सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी है.

यह ब्रिटेन का 32वां और वेल्स का चौथा विश्व धरोहर स्थल है. इस सूची में दुनिया भर के 1149 स्थल शामिल हैं जिनमें चीन की दीवार और मिस्र के पिरामिड हैं.

जॉनसन ने कोशिश का समर्थन करते हुए कहा, हमारे देश का यह विशिष्ट कोना पहले से ही मानचित्र पर है, जिसने ब्रिटेन, यूरोप और यहां तक ​​कि ऑस्ट्रेलिया में भी अपना स्लेट पत्थर भेजा है.. यूनेस्को की उपाधि इसे और आगे बढ़ाएगी.

विश्व धरोहर स्थल का तमगा ऐतिहासिक महत्व के क्षेत्र या भवन को प्रदान किया जाता है और इससे उस क्षेत्र या भवन को नष्ट किए जाने के खिलाफ कानूनी सुरक्षा मिलती है.

ब्रिटेन के धरोहर मामलों के मंत्री कैरोलीन डाइनेज ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया और इसका स्वागत किया. वेल्स के स्लेट का इस्तेमाल रोमन के समय से दुनियाभर में इमारतों की छतों को बनाने के लिए किया जाता रहा है.

(पीटीआई भाषा)

लंदन : ब्रिटेन के उत्तर पश्चिम वेल्स का इलाका स्लेट (परतदार पत्थर) की खदानों के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है. बुधवार को यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्रदान कर दिया, जिससे यह आगरा में स्थित ताजमहल जैसे धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हो गया है.

ब्रिटेन इस कोशिश में था कि इन खूबसूरत खदानों को प्रतिष्ठित सूची में शामिल कराया जाए और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसका समर्थन किया था. विश्व धरोहर समिति ने इसे सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी है.

यह ब्रिटेन का 32वां और वेल्स का चौथा विश्व धरोहर स्थल है. इस सूची में दुनिया भर के 1149 स्थल शामिल हैं जिनमें चीन की दीवार और मिस्र के पिरामिड हैं.

जॉनसन ने कोशिश का समर्थन करते हुए कहा, हमारे देश का यह विशिष्ट कोना पहले से ही मानचित्र पर है, जिसने ब्रिटेन, यूरोप और यहां तक ​​कि ऑस्ट्रेलिया में भी अपना स्लेट पत्थर भेजा है.. यूनेस्को की उपाधि इसे और आगे बढ़ाएगी.

विश्व धरोहर स्थल का तमगा ऐतिहासिक महत्व के क्षेत्र या भवन को प्रदान किया जाता है और इससे उस क्षेत्र या भवन को नष्ट किए जाने के खिलाफ कानूनी सुरक्षा मिलती है.

ब्रिटेन के धरोहर मामलों के मंत्री कैरोलीन डाइनेज ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया और इसका स्वागत किया. वेल्स के स्लेट का इस्तेमाल रोमन के समय से दुनियाभर में इमारतों की छतों को बनाने के लिए किया जाता रहा है.

(पीटीआई भाषा)

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