वियना (ऑस्ट्रिया) : ईरानी परमाणु कार्यक्रम के संबंध में 2015 में हुए समझौते में शामिल पांच विश्व शक्तियों और ईरान ने वियना में मंगलवार को बैठक की. इस दौरान अमेरिका और ईरान के बीच परोक्ष वार्ता शुरू होने की संभावना है. इसी के साथ अमेरिका की समझौते में वापसी के प्रयास तेज हो गए हैं. अमेरिका और ईरान ने शुक्रवार को कहा था कि वे मध्यस्थों के जरिए परोक्ष बातचीत शुरू करेंगे ताकि ईरानी परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने से संबंधित समझौते पर दोनों देश वापस आ सकें.
करीब तीन साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु करार से अमेरिका को अलग कर लिया था. इसके बाद से ही ईरान समझौते के तहत लगाए गए प्रतिबंधों का लगातार उल्लंघन कर रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि ईरान समझौते में शामिल अन्य देशों रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन पर इस बात का दबाव बनाने के लिए यह कदम उठा रहा है कि वे ट्रंप प्रशासन में फिर से लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के लिए और कोशिश करें.
ट्रंप ने 2018 में ईरान परमाणु करार से अमेरिका को अलग कर लिया था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ईरानी करार में फिर से शामिल होना उनके प्रशासन की प्राथमिकता है, लेकिन अमेरिका ईरान की पहले प्रतिबंध हटाए जाने की मांग से सहमत नहीं है. समझौते में शामिल देशों के विदेश मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी यूरोपीय संघ की अध्यक्षता में वियना में मंगलवार को बैठक कर रहे हैं. इसके अलावा, ईरान के लिए अमेरिकी प्रशासन के विशेष दूत रोब माले के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भी यहां आ रहा है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि बातचीत की बहाली 'आगे की दिशा में एक अच्छा कदम है.' उन्होंने कहा, 'यह शुरुआत है और हम तत्काल किसी कामयाबी का अनुमान नहीं लगाते क्योंकि आगे जटिल चर्चा होगी.' प्राइस ने कहा कि वार्ता कार्य समूहों के आस-पास केंद्रित रहेगी जिसका गठन यूरोपीय संघ ईरान सहित समझौते में शामिल अन्य देशों के साथ करेगा.ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने शुक्रवार को ट्वीट किया था, 'ईरान-अमेरिका के बीच कोई बैठक नहीं. अनावश्यक.'