लंदन : ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित और एस्ट्राजेनेका द्वारा उत्पादित कोविड-19 टीके को बुधवार को ब्रिटेन के स्वतंत्र नियामक ने इंसानों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी.
इससे पहले यूनाइटेड किंगडम ने पी फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNtech) की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी थी.
औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) की मंजूरी मिलने का अभिप्राय है कि टीका सुरक्षित और प्रभावी है.
इस टीके का निर्माण करने के लिए ऑक्सफोर्ड ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ भी करार किया है और इसका मूल्यांकन एमएचआरए ने सरकार को गत सोमवार को जमा अंतिम आंकड़ों के आधार पर किया है.
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यह मंजूरी ऐसे समय दी गई है जब वरिष्ठ ब्रिटिश वैज्ञानिक ने रेखांकित किया है कि ऑक्सफोर्ड का टीका वास्तव में स्थिति बदलने वाला है, जिससे वर्ष 2021 की गर्मियों तक वायरस के खिलाफ टीकाकरण कर देश सामुदायिक स्तर पर बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर सकता है.
श्वास रोग विशेषज्ञ और सरकार की आपात व्यवस्था को लेकर गठित वैज्ञानिक सलाहकार समूह के सदस्य प्रोफेसर कालम सेम्पल ने कहा, 'टीका लेने वाले व्यक्ति कुछ हफ्तों में वायरस से सुरक्षित हो जााएंगे और यह बहुत महत्वपूर्ण है.'
ब्रिटेन ने टीके की करीब 10 करोड़ खुराक के ऑर्डर दिए हैं जिनमें से चार करोड़ खुराक मार्च के अंत तक मिलने की उम्मीद है.
एस्ट्राजेनेका के प्रमुख पास्कल सोरियट ने जोर देकर कहा है कि अनुसंधानकर्ताओं ने अंतिम नतीजों को प्रकाशित करने से पहले टीके की दो खुराक का इस्तेमाल कर कारगर फार्मूला हासिल किया है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि वायरस पूर्व के अनुमानों से अधिक प्रभावी होगा और इसके कोरोना वायरस के नए प्रकार पर भी प्रभावी होना चाहिए जिसकी वजह से ब्रिटेन के अधिकतर हिस्सों में भय की स्थिति है.
यूके में कोरोना के अद्यतन मामले
यूके में अब तक कोरोना वायरस के 23,82,865 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं यहां मौतों का कुल आंकड़ा 71,567 हो चुका है. यहां अब तक 5,41,18,134 टेस्ट किए गए हैं.