लंदन : ब्रिटेन में सोमवार से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड-19 टीके का टीकाकरण शुरू हुआ और पहला टीका ऑक्सफोर्ड में जन्मे 82 वर्षीय डायलिसिस के रोगी को दिया गया.
ब्रायन पिंकर उन पहले कुछ लोगों में शामिल हैं जिन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में यह टीका लगाया गया. इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के चरणबद्ध टीकाकरण कार्यक्रम में एक मील का पत्थर बताया जा रहा है.
ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका कोरोना वायरस से बचाव के लिए ऐसा दूसरा टीका है जिसे मंजूरी मिली है. इससे पहले फाइजर-बायोएनटेक के टीके को मंजूरी दी गई थी.
ऑक्सफोर्ड में जन्मे पिंकर कई वर्षों से किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं तथा उनकी डायलिसिस की जाती है. उन्होंने कहा कि वायरस से सुरक्षा मिलने पर उन्हें प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है और अब वह बिना चिंता के अपना उपचार जारी रख सकते हैं.
उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 का टीका लगवाकर मुझे प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है और बहुत गर्व का अहसास हो रहा है क्योंकि यह टीका ऑक्सफोर्ड में ही बनाया गया है.
पिंकर के अलावा 88 वर्षीय संगीत शिक्षक ट्रेवोर कॉलेट और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में बालरोग विशेषज्ञ एंड्रयू पोलार्ड को भी टीका लगाया गया.
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ऑक्सफोर्ड द्वारा टीका विकसित करना ब्रिटेन के विज्ञान की जीत है और मैं इसके विकास एवं उत्पादन में शामिल सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि मैं जानता हूं कि आने वाले हफ्तों और महीनों में हमारे सामने चुनौतियां बनी हुई हैं लेकिन मुझे भरोसा है कि इस वर्ष हम कोरोना वायरस को हरा देंगे और फिर उठ खड़े होंगे.
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप में निदेशक और ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के प्रमुख अन्वेषक प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा कि मेरे लिए वह अभूतपूर्व गर्व का पल था, जब मुझे वह टीका लगा जिसे बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका की टीम ने इतनी मेहनत की ताकि इसे ब्रिटेन और दुनिया को उपलब्ध करवाया जा सके.
एनएचएस का कहना है कि अब तक यूरोप में सबसे अधिक लोगों का टीकाकरण उसके द्वारा किया गया है.