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स्पेन : ला पाल्मा ज्वालामुखी फटने से लावे का रिसाव, हजारों लोगों को कराया गया रेस्क्यू - स्पेन समाचार

अटलांटिक महासागर में स्पेन के कैनरी आइलैंड पर स्थित ला पाल्मा ज्वालामुखी 50 साल बाद फिर फट गया. इस विस्फोट से बुधवार को एक स्पेनिश गांव पर 12 मीटर (40 फीट) ऊंची लावा की दीवार गिर गई. विस्फोट के बाद पिघली हुई चट्टान ने लोगों के घरों को निगल लिया लेकिन इससे पहले हजारों द्वीपवासियों को वहां से बाहर निकाला गया. पढ़ें पूरी खबर...

ज्वालामुखी विस्फोट
ज्वालामुखी विस्फोट
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Published : Sep 23, 2021, 12:32 AM IST

मैड्रिड : अटलांटिक महासागर में स्पेन के कैनरी आइलैंड पर स्थित ला पाल्मा ज्वालामुखी 50 साल बाद फिर फट गया. इस विस्फोट से बुधवार को एक स्पेनिश गांव पर 12 मीटर (40 फीट) ऊंची लावा की दीवार गिर गई. विस्फोट के बाद पिघली हुई चट्टान ने लोगों के घरों को निगल लिया, लेकिन इससे पहले द्वीपवासियों को वहां से बाहर निकाला गया.

उत्तर-पश्चिम अफ्रीका से दूर कैनरी द्वीप समूह में रविवार के विस्फोट अभी भी लावा उगल रहा है, धीरे-धीरे पहाड़ियों के नीचे तट की ओर बढ़ रहा है, जहां पिघली हुई चट्टान और अटलांटिक महासागर के बीच का टोडोक अंतिम गाँव था.

विशेषज्ञों ने कहा कि लावा को समुद्र में शेष 2 किलोमीटर (1.25 मील) की दूरी तय करने में कई दिन लग सकते हैं. लावा लगभग 120 मीटर (400 फीट) प्रति घंटे की दूरी पर आगे बढ़ रहा था, इस लावे से खाख हो चुकी चीजों से जबरदस्त धुआं आ रहा था.

देखें वीडियो

अधिक से अधिक घरों को लावा की चपेट में आने से बचाने की कोशिश कर रहे अग्निशमन कर्मियों ने लावा प्रवाह को मोड़ने के लिए एक खाई खोदने में रातभर बिना रुके काम किया. वहां के निवासी किसी के रिश्तेदार को बचाने की आस में कतार लगाए खड़े हो गए ताकि उन्हें गांव में ले जाया जा सके.

जैसे ही लावा द्वीप के अधिक घनी आबादी वाले तट की ओर बढ़ रहा था, मंगलवार की देर रात टोडोक (Todoque) से 1,000 लोगों को निकाला गया. इसके बाद ला पाल्मा द्वीप (Island of La Palma) पर निकाले गए लोगों की कुल संख्या 6,800 से अधिक हो गई.

पढ़ें : स्पेन के द्वीप पर भूकंप व ज्वालामुखी से विस्फोट की चेतावनी

अधिकारियों का कहना है कि निवासियों के लिए और अधिक खतरे आने वाले हैं, जिनमें अधिक भूकंप, संभावित नए लावा प्रवाह, जहरीली गैसें, ज्वालामुखी राख और अम्लीय वर्षा शामिल हैं.

लावा, जिसका तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस (1,800 F से अधिक) से अधिक है वह विस्फोट की वजह बन सकता है. यहीं नहीं बल्कि यह लावा भूस्खलन को ट्रिगर कर सकता है और समुद्र से टकराने पर जहरीली गैस के बादल बना सकता है.

ज्वालामुखी की राख के एक बड़े क्षेत्र में गिरने के चलते लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. अधिकारियों ने बच्चों को जितना संभव हो सके अंदर रखने की सलाह दी है.

मैड्रिड : अटलांटिक महासागर में स्पेन के कैनरी आइलैंड पर स्थित ला पाल्मा ज्वालामुखी 50 साल बाद फिर फट गया. इस विस्फोट से बुधवार को एक स्पेनिश गांव पर 12 मीटर (40 फीट) ऊंची लावा की दीवार गिर गई. विस्फोट के बाद पिघली हुई चट्टान ने लोगों के घरों को निगल लिया, लेकिन इससे पहले द्वीपवासियों को वहां से बाहर निकाला गया.

उत्तर-पश्चिम अफ्रीका से दूर कैनरी द्वीप समूह में रविवार के विस्फोट अभी भी लावा उगल रहा है, धीरे-धीरे पहाड़ियों के नीचे तट की ओर बढ़ रहा है, जहां पिघली हुई चट्टान और अटलांटिक महासागर के बीच का टोडोक अंतिम गाँव था.

विशेषज्ञों ने कहा कि लावा को समुद्र में शेष 2 किलोमीटर (1.25 मील) की दूरी तय करने में कई दिन लग सकते हैं. लावा लगभग 120 मीटर (400 फीट) प्रति घंटे की दूरी पर आगे बढ़ रहा था, इस लावे से खाख हो चुकी चीजों से जबरदस्त धुआं आ रहा था.

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अधिक से अधिक घरों को लावा की चपेट में आने से बचाने की कोशिश कर रहे अग्निशमन कर्मियों ने लावा प्रवाह को मोड़ने के लिए एक खाई खोदने में रातभर बिना रुके काम किया. वहां के निवासी किसी के रिश्तेदार को बचाने की आस में कतार लगाए खड़े हो गए ताकि उन्हें गांव में ले जाया जा सके.

जैसे ही लावा द्वीप के अधिक घनी आबादी वाले तट की ओर बढ़ रहा था, मंगलवार की देर रात टोडोक (Todoque) से 1,000 लोगों को निकाला गया. इसके बाद ला पाल्मा द्वीप (Island of La Palma) पर निकाले गए लोगों की कुल संख्या 6,800 से अधिक हो गई.

पढ़ें : स्पेन के द्वीप पर भूकंप व ज्वालामुखी से विस्फोट की चेतावनी

अधिकारियों का कहना है कि निवासियों के लिए और अधिक खतरे आने वाले हैं, जिनमें अधिक भूकंप, संभावित नए लावा प्रवाह, जहरीली गैसें, ज्वालामुखी राख और अम्लीय वर्षा शामिल हैं.

लावा, जिसका तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस (1,800 F से अधिक) से अधिक है वह विस्फोट की वजह बन सकता है. यहीं नहीं बल्कि यह लावा भूस्खलन को ट्रिगर कर सकता है और समुद्र से टकराने पर जहरीली गैस के बादल बना सकता है.

ज्वालामुखी की राख के एक बड़े क्षेत्र में गिरने के चलते लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. अधिकारियों ने बच्चों को जितना संभव हो सके अंदर रखने की सलाह दी है.

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