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ओमीक्रोन का उपस्वरूप अपने मूल वेरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलता है: शोध

SSI के शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि पूर्ण टीकाकरण करा चुके या बूस्टर खुराक हासिल कर चुके लोगों के मुकाबले वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के BA.1 और BA.2 से संक्रमित होने की आशंका काफी अधिक (high risk of getting infected with BA.1 and BA.2) रहती है. हालांकि, अध्ययन की समीक्षा की जानी अभी बाकी है.

ओमीक्रोन का उपस्वरूप
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Published : Feb 1, 2022, 7:58 PM IST

लंदन : SARS-CoV-2 वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप (Omicron form of SARS-CoV-2 virus) का एक उपस्वरूप इसके मूल वेरिएंट से कहीं अधिक संक्रामक है. डेनमार्क में हुए एक नए शोध में यह दावा किया गया है. स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट (SSI) के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने 8541 घरों में 17945 लोगों के बीच ओमीक्रोन के मूल स्वरूप (BA.1) और उपस्वरूप (BA.2) के प्रसार का विश्लेषण (Analysis of the basic form and sub-form of Omicron) किया.

उन्होंने पाया कि BA.2 वेरिएंट 39 फीसदी की मारक क्षमता के साथ लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जबकि BA.1 के मामले में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है. BA.2 के कम समय में ज्यादा लोगों को संक्रमित करने की मुख्य वजह भी यही मानी जा रही है. SSI के शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि पूर्ण टीकाकरण करा चुके या बूस्टर खुराक हासिल कर चुके लोगों के मुकाबले वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के BA.1 और BA.2 से संक्रमित होने की आशंका काफी अधिक (high risk of getting infected with BA.1 and BA.2) रहती है.

पढ़ें: ओमिक्रॉन के दो-तिहाई मामले दोबारा संक्रमण के हैं : अध्ययन

हालांकि, अध्ययन की समीक्षा की जानी अभी बाकी है. इससे पता चला है कि BA.2 से संक्रमित उन मरीजों के अन्य लोगों में वारयस का वाहक बनने का खतरा ज्यादा है, जिन्हें कोविड रोधी टीके की एक भी खुराक हासिल नहीं हुई है. शोध दल में यूनिवर्सिटी ऑफ कोपनहेगन, स्टैटिस्टिक्स डेनमार्क और टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के शोधकर्ता भी शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : SARS-CoV-2 वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप (Omicron form of SARS-CoV-2 virus) का एक उपस्वरूप इसके मूल वेरिएंट से कहीं अधिक संक्रामक है. डेनमार्क में हुए एक नए शोध में यह दावा किया गया है. स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट (SSI) के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने 8541 घरों में 17945 लोगों के बीच ओमीक्रोन के मूल स्वरूप (BA.1) और उपस्वरूप (BA.2) के प्रसार का विश्लेषण (Analysis of the basic form and sub-form of Omicron) किया.

उन्होंने पाया कि BA.2 वेरिएंट 39 फीसदी की मारक क्षमता के साथ लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जबकि BA.1 के मामले में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है. BA.2 के कम समय में ज्यादा लोगों को संक्रमित करने की मुख्य वजह भी यही मानी जा रही है. SSI के शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि पूर्ण टीकाकरण करा चुके या बूस्टर खुराक हासिल कर चुके लोगों के मुकाबले वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के BA.1 और BA.2 से संक्रमित होने की आशंका काफी अधिक (high risk of getting infected with BA.1 and BA.2) रहती है.

पढ़ें: ओमिक्रॉन के दो-तिहाई मामले दोबारा संक्रमण के हैं : अध्ययन

हालांकि, अध्ययन की समीक्षा की जानी अभी बाकी है. इससे पता चला है कि BA.2 से संक्रमित उन मरीजों के अन्य लोगों में वारयस का वाहक बनने का खतरा ज्यादा है, जिन्हें कोविड रोधी टीके की एक भी खुराक हासिल नहीं हुई है. शोध दल में यूनिवर्सिटी ऑफ कोपनहेगन, स्टैटिस्टिक्स डेनमार्क और टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के शोधकर्ता भी शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

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