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नियम तय होने तक स्पाइवेयर एवं निगरानी प्रौद्योगिकी पर रोक लगाई जाए : मानवाधिकार विशेषज्ञ - मानवाधिकार विशेषज्ञ

स्पाइवेयर एवं अन्य निगरानी प्रौद्योगिकी के बिक्री एवं हस्तांतरण संबंधी नियम तय होने तक, इसके इस्तेमाल पर रोक लगायी जानी चाहिए. ये मांग संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों ने उठाई है.

स्पाइवेयर
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Published : Aug 12, 2021, 7:16 PM IST

जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों ने गुरुवार को विभिन्न देशों का आह्वान किया कि स्पाइवेयर एवं अन्य निगरानी प्रौद्योगिकी के बिक्री एवं हस्तांतरण संबंधी नियम तय होने तक, इसके इस्तेमाल पर रोक लगायी जानी चाहिए ताकि इससे मानवाधिकारों का हनन न हो.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (un human rights office) ने कहा कि विशेषज्ञ नए पेगासस स्पाइवेयर खुलासों के संदर्भ में बोल रहे थे. इसमें चिंता जताई गई कि कुछ स्थानों पर 'मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और राजनीतिक विरोधियों की निगरानी करने, उन्हें धमकाने और चुप कराने के लिए उच्च आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है.'

इसने बयान जारी कर कहा, 'संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञ आज सभी देशों से अपील करते हैं कि निगरानी प्रौद्योगिकी की बिक्री एवं हस्तांतरण पर तब तक वैश्विक रोक लगाई जाए जब तक कि वे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप इसके इस्तेमाल के लिए ठोस नियम नहीं बना लेते हैं.'

पिछले महीने एक वैश्विक मीडिया संगठन की खबर के मुताबिक इजराइल के एनएसओ समूह के सैन्य स्तर के पेगासस मैलवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विरोधियों की जासूसी में किया गया.

पढ़ें- पेगासस जासूसी कांड: इजराइल ने NSO के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू की

आठ विशेषज्ञों ने इस तरह की निगरानी को 'मानवाधिकार हनन' करार दिया और एनएसओ से पूछा कि क्या उसने इस तरह के उपकरण के इस्तेमाल से मानवाधिकार पर होने वाले प्रभाव का आकलन किया और मामले में अपनी अंदरूनी जांच के निष्कर्षों को प्रकाशित किया?

जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों ने गुरुवार को विभिन्न देशों का आह्वान किया कि स्पाइवेयर एवं अन्य निगरानी प्रौद्योगिकी के बिक्री एवं हस्तांतरण संबंधी नियम तय होने तक, इसके इस्तेमाल पर रोक लगायी जानी चाहिए ताकि इससे मानवाधिकारों का हनन न हो.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (un human rights office) ने कहा कि विशेषज्ञ नए पेगासस स्पाइवेयर खुलासों के संदर्भ में बोल रहे थे. इसमें चिंता जताई गई कि कुछ स्थानों पर 'मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और राजनीतिक विरोधियों की निगरानी करने, उन्हें धमकाने और चुप कराने के लिए उच्च आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है.'

इसने बयान जारी कर कहा, 'संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञ आज सभी देशों से अपील करते हैं कि निगरानी प्रौद्योगिकी की बिक्री एवं हस्तांतरण पर तब तक वैश्विक रोक लगाई जाए जब तक कि वे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप इसके इस्तेमाल के लिए ठोस नियम नहीं बना लेते हैं.'

पिछले महीने एक वैश्विक मीडिया संगठन की खबर के मुताबिक इजराइल के एनएसओ समूह के सैन्य स्तर के पेगासस मैलवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विरोधियों की जासूसी में किया गया.

पढ़ें- पेगासस जासूसी कांड: इजराइल ने NSO के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू की

आठ विशेषज्ञों ने इस तरह की निगरानी को 'मानवाधिकार हनन' करार दिया और एनएसओ से पूछा कि क्या उसने इस तरह के उपकरण के इस्तेमाल से मानवाधिकार पर होने वाले प्रभाव का आकलन किया और मामले में अपनी अंदरूनी जांच के निष्कर्षों को प्रकाशित किया?

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