गोमा (कांगो) : पूर्वी कांगो में ज्वालामुखी फटने के बाद लावा बहकर यहां के गांवों में आ गया, जिसके कारण यहां 500 से ज्यादा मकान नष्ट हो गए तथा कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों तथा प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बताया कि कांगो के गोमा शहर के नजदीक स्थित ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो शनिवार को फट गया था, जिसके कारण करीब पांच हजार लोग गोमा शहर छोड़कर सीमा पार रवांडा चले गए जबकि अन्य 25,000 ने उत्तर पश्चिम में साके शहर में शरण ली.
इस प्राकृतिक आपदा के बाद से 170 से अधिक बच्चे लापता हैं. यूनिसेफ के अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसे बच्चों की मदद के लिए शिविर लगा रहे हैं जो अकेले हैं, जिनके साथ कोई वयस्क नहीं है.
यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था तब भी यहां भारी तबाही मची थी. सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी तथा 1,00,000 से अधिक लोग बेघर हो गए थे.
एलिने बिचिकवेबो ने बताया लावा आने पर वह अपने बच्चे को लेकर निकल गई लेकिन अपने माता-पिता को नहीं बचा सकी. वह कहती है, मुझे मदद की जरूरत है क्योंकि हमारे पास जो कुछ भी था सब खत्म हो चुका है. हम अनाथ हैं.
बगाम्बा गांव में लावा की चपेट में आए मकान अभी भी जल रहे हैं.
एक अन्य निवासी एलम्बा सुतोये ने कहा, लोग घबराए हुए हैं, भूखे हैं. उन्हें नहीं पता कि रात वे कहां गुजारेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि इस बीच गोमा से निकलने की कोशिश के दौरान ट्रकों के बीच हुई टक्कर में कम से कम पांच अन्य लोग मारे गए.
शहर के निकट बुहेने क्षेत्र में जमा हुआ लावा अब भी धधक रहा है और उसमें से धुंआ निकल रहा है.
पढ़ेंः कांगो : गोमा के पास ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो फटा, दहशत में लोग
इस प्राकृतिक आपदा के बाद से 170 से अधिक बच्चे लापता हैं. UNICEF के अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसे बच्चों की मदद के लिए शिविर लगा रहे हैं जो अकेले हैं, जिनके साथ कोई वयस्क नहीं है.
यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था, तब भी यहां भारी तबाही मची थी. सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. 1,00,000 से अधिक लोग बेघर हो गए थे.
अधिकारियों ने बताया कि इस बीच गोमा से निकलने की कोशिश के दौरान ट्रकों के बीच हुई टक्कर में कम से कम पांच अन्य लोग मारे गए.